West Bengal Assembly Election 2021: बंगाल में प्रचंड जनादेश के साथ बनेगी भाजपा की सरकारः अमित शाह
West Bengal Assembly Election 2021 अमित शाह ने कहा कि आए दिन भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या हो रही हैं। भाजपा की सरकार बनने के बाद हम यहां घुसपैठियों को रोकेंगे। बंगाल में भाजपा के मुख्यमंत्री के चेहरे पर शाह ने कहा-मुख्यमंत्री बंगाल की ही धरती का कोई भाजपा कार्यकर्ता होगा
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। West Bengal Assembly Election 2021: बंगाल में प्रचंड जनादेश के साथ भाजपा की सरकार बनेगी। एक समाचार चैनल के साथ बातचीत में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने यह दावा किया। जब शाह से 'सोनार बांग्ला' का मतलब पूछा गया तो उन्होंने कहा-'इसका दायरा सीमित नहीं बल्कि बहुत विस्तृत है। सोनार बांग्ला का मतलब है हरेक बंगाली नागरिक खुद को बिना किसी भय के अभिव्यक्त कर पाए। देश और बंगाल की सीमाएं सुरक्षित हों, हरेक गरीब को दो वक्त का भोजन उपलब्ध हो, हरेक युवा को रोजगार मिले, चरमराया प्रशासन वापस पटरी पर आए। एक समय बंगाल का देश के जीडीपी में सबसे अधिक योगदान होता था, बंगाल को वापस उसी जगह पहुंचाना है। यहां की कला-संस्कृति बम धमाकों में दब गई है, उसे फिर से जागृत करना है। यहां के कलाकारों को वैश्विक प्लेटफार्म देना है।
शाह ने कहा-'बंगाल में कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। इसके खिलाफ जनता में आक्रोश है। आखिर ममता दीदी ने किस तरह का बंगाल बनाया है, जहां दुर्गापूजा के लिए कोर्ट से आदेश लेना पड़ता है। यहां सरस्वती पूजा करना मुश्किल है और पूरे प्रशासन का राजनीतिकरण कर दिया गया है। आए दिन भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या हो रही हैं। भाजपा की सरकार बनने के बाद हम यहां घुसपैठियों को रोकेंगे। बंगाल में भाजपा के मुख्यमंत्री के चेहरे पर शाह ने कहा-'मुख्यमंत्री बंगाल की ही धरती का कोई भाजपा कार्यकर्ता होगा और जब प्रत्याशियों की सूची आएगी तो उसमें मंत्रिमंडल की रूपरेखा दिख जाएगी।
नेताजी को भुला दिए जाने की बहुत कोशिशें की गईं : अमित शाह
नेताजी सुभाष चंद्र बोस को भुला दिए जाने की बहुत कोशिशें की गईं लेकिन उनकी देशभक्ति और शहादत भावी पीढिय़ों को प्रेरित करती रहेगी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को अपने बंगाल दौरे के दूसरे व आखिरी दिन नेशनल लाइब्रेरी में आयोजित शौर्यांजलि कार्यक्रम में ये विचार व्यक्त किए। शाह ने कहा-'कोई कितना भी प्रयास करे, नेताजी का कर्तव्य बोध, देशभक्ति और सर्वोच्च बलिदान पीढिय़ों तक देशवासियों के जेहन में जस का तस रहने वाला है। देश की जनता सुभाष बाबू को इतने वर्षों बाद भी उतने ही प्यार और सम्मान से याद करती है, जितना उनके जीवित रहते और संघर्ष के दौरान करती थी। उनके शौर्य और पराक्रम को सदियों तक याद किया जाएगा।
केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नेताजी के योगदान को श्रद्धांजलि देने के लिए एक कमेटी गठित की है। केंद्रीय गृहमंत्री ने युवा वर्ग को नेताजी के जीवन का अनुसरण करने का संदेश देते हुए कहा-'युवाओं को नेताजी की जीवनी पढऩी चाहिए। उनकी जीवन यात्रा बहुत कुछ सिखाएगी। नेताजी नौकरी छोड़कर स्वतंत्रता संग्राम में कूद गए थे ताकि यह संदेश जाए कि अंग्रेजी हुकूमत के अधीन होकर आरामदेह जीवन जीने से महत्वपूर्ण उनके लिए देश है। नेताजी की लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वे दो बार कांग्रेस के अध्यक्ष बने और एक बार उन्होंने महात्मा गांधी के उम्मीदवार तक को हराया था।
शाह ने नेशनल लाइब्रेरी से तीन बैच में एक साइकिल रैली की हरी झंडी दिखाकर शुरुआत की। ये यात्रा नेताजी, रासबिहारी बोस और खुदीराम बोस के नाम पर होंगी। पहला बैच कोलकाता से झारग्राम होते हुए पुरुलिया, दूसरा बैच कोलकाता से हुगली होते हुए पूर्व बद्र्धमान और तीसरा बैच कोलकाता से उत्तर 24 परगना व हुगली होते हुए मुर्शिदाबाद तक जाएगा। वे बंगाल के ग्रामीण इलाकों में जाकर स्वतंत्रता सेनानियों के संदेशों का प्रसार करेंगे। शाह ने इस अवसर पर खुदीराम बोस और रासबिहारी बोस के जीवन पर आधारित एक प्रदर्शनी बिप्लबी बांग्ला का भी उद्घाटन किया।