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Bus Strike : किराया वृद्धि की मांग पर 28 जनवरी से तीन दिनी बस हड़ताल

Bus Strike बस और मिनीबस के मालिक की समय पर मांग पूरी नहीं हुई है। एक दिन के लिए नहीं बल्कि लगातार तीन दिन यानी 72 घंटे के लिए बस मालिकों के 5 संगठनों ने एक साथ हड़ताल की घोषणा की है। 14 रुपये के न्यूनतम किराए की मांग।

By Vijay KumarEdited By: Published: Tue, 19 Jan 2021 10:48 PM (IST)Updated: Tue, 19 Jan 2021 10:48 PM (IST)
Bus Strike : किराया वृद्धि की मांग पर 28 जनवरी से तीन दिनी बस हड़ताल
लॉकडाउन के कारण सरकारी और निजी लंबे समय तक बंद रहीं। यात्रियों को होगी परेशानी।

 राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बस और मिनीबस के मालिकों ने पहले ही आंदोलन की चेतावनी दे दी थी।  बस और मिनीबस के मालिक फिर से हड़ताल पर जाने वाले हैं क्योंकि समय पर उनकी मांग पूरी नहीं हुई है। एक दिन के लिए नहीं, बल्कि लगातार तीन दिन यानी 72 घंटे के लिए बस मालिकों के 5 संगठनों ने एक साथ हड़ताल की घोषणा की है।  हड़ताल 28, 29 और 30 जनवरी को होगी। बस और मिनीबस के मालिकों का कहना है कि यदि सरकार की मध्यस्थता के माध्यम से समस्या का समाधान किया जाता है, तो यह अच्छा है।  अन्यथा, यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। इससे पहले लाकडाउन के कारण सरकारी और निजी लंबे समय तक बंद रहीं।  कोरोना के कारण आम जनता को दहशत में घर में बंद रहना पड़ा।  स्थिति पहले जैसी नहीं है। 

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न्यूनतम किराया वसूलना घाटे का सौदा

सार्वजनिक जीवन पूरी तरह से सामान्य है।  सार्वजनिक-निजी बसें और मिनी बसें फिर से सड़क पर आ गई हैं।  लेकिन अगर न्यूनतम किराया दोगुना नहीं किया जाता है, तो सेवाएं प्रदान करना संभव नहीं होगा।  बस मालिकों के संगठनों के अनुसार, जीएसटी के कारण डीजल की कीमत तेजी से बढ़ी है। मौजूदा स्थिति में न्यूनतम किराया के साथ बस को चलाना घाटे का सौदा है। 

बस किराया दुगना हो अन्यथा बंद को चेताया 

 उल्लेखनीय है कि बस और मिनीबस संगठनों की एक आपात बैठक 30 दिसंबर को आयोजित की गई थी ताकि बस किराए में वृद्धि पर चर्चा की जा सके।  उस बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि न्यूनतम बस का किराया सात रुपये से दोगुना होना चाहिए। दूसरे शब्दों में, बस में बैठते ही आपको 14 रुपये देने होंगे!  मालिकों ने सरकार से मांग का अनुपालन नहीं करने पर बस रूट बंद करने की चेतावनी दी थी। 

लोगों को उठाना पड़ेगा बहुत बड़ा नुकसान  

गंगासागर मेला तक की समय सीमा भी तय की गई थी।  तब तृणमूल नेता मदन मित्रा ने बस मालिकों को चर्चा के लिए बैठने का आश्वासन दिया।  उन्होंने बताया था कि मुख्यमंत्री स्वयं मामले को देखेंगी,  लेकिन अंत में बैठक नहीं हुई।  इस स्थिति में, बस मालिकों ने वैसा ही किया जैसा कि उन्होंने चेतावनी दी थी।  पूरे दिन में कितनी सरकारी बसें चलती हैं!  अगर निजी बसें और मिनीबस को लगातार तीन दिनों के लिए बंद रखा जाता है, तो लोगों को बहुत नुकसान उठाना पड़ेगा।  क्या किराया बढ़ाने की मांग को परिवहन विभाग स्वीकार करेगा?  वह अब देखने वाली बात है।


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