बीएसएफ ने तीन बांग्लादेशी महिलाओं को मानव तस्करी गिरोह के चंगुल से मुक्त कराया
बीएसएफ के जवानों ने तीन बंगलादेशी महिलाओं को मानव तस्करी गिरोह के चंगुल से मुक्त कराया बीएसएफ पार्टी ने तीनों महिलाओं को हिरासत में ले लिया। इनके नाम जुमोर (33) माही बेगम (27) व फरीदा बेगम (27) है।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के जवानों ने तीन बंगलादेशी महिलाओं को मानव तस्करी गिरोह के चंगुल से मुक्त कराया है, जब वह दलालों की मदद से अवैध रूप से बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में बीएसएफ की सीमा चौकी हाकीमपुर, 112वीं बटालियन के इलाके से बांग्लादेश से भारत में प्रवेश करने का प्रयास कर रही थी। बीएसएफ द्वारा जारी बयान के मुताबिक, 14 जनवरी को, बॉर्डर आउट पोस्ट हाकीमपुर में अंतररराष्ट्रीय सीमा के पास जवान पेट्रोलिंग पर थे।
शाम में जवानों ने तीन संदिग्ध महिलाओं की हरकत देखी, जो कि हाकीमपुर चेक पोस्ट के पास बांग्लादेश की ओर से भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करने की कोशिश कर रही थीं। जब बीएसएफ जवानों ने उन्हें पूछताछ के उद्देश्य से रोका और उनकी पहचान साबित करने के लिए कोई कानूनी दस्तावेज मांगा, तो वे किसी भी प्रकार का दस्तावेज दिखाने में विफल रहे। फिर बीएसएफ पार्टी ने तीनों महिलाओं को हिरासत में ले लिया। इनके नाम जुमोर (33), माही बेगम (27) व फरीदा बेगम (27) है। इनमें जुमोर व फरीदा बांग्लादेश के मदारीपुर जिले जबकि माही बेगम मुंशीगंज जिले की रहने वाली है। पूछताछ में जुमोर ने बताया कि वह बांग्लादेशी नागरिक है और उसने मानव तस्करों की मदद से अंतरराष्ट्रीय सीमा को पार किया था।
उसने आगे बताया कि कुछ वर्ष पहले वह दुबई गई थी तथा वहां पर एक बार मे वेटर के रूप मे कार्य करती थी, लेकिन कोरोना के कारण बार बंद हो गया तथा वह आर्थिक तंगी से गुजर रही थी। फिर उसने वापस बांग्लादेश लौटने का विचार किया तथा अपने घर आ गई, लेकिन घर आने के बाद उसके अपने पति के साथ रिश्ते अच्छे नहीं थे और आए दिन झगड़ा होता रहता था, फिर वह मुंबई जाकर मजदूरी का कार्य करना चाहती थी। इस उदेश्य से वह शरीफ नाम के एक बांग्लादेशी दलाल की मदद से अंतरराष्ट्रीय सीमा को पार कर भारतीय क्षेत्र मे प्रवेश करना चाहती थी, परंतु सतर्क बीएसएफ के जवानों ने उसे पकड़ लिया। बीएसएफ ने आगे की कानूनी कार्यवाही के लिए तीनों बांग्लादेशी महिलाओं को स्थानीय थाने के हवाले कर दिया है।