बंगाल के नदिया में BSF ने 10 मवेशियों समेत एक तस्कर को पकड़ा
Cattle Smuggling west bengal सीमा सुरक्षा बल (Border security force) ने अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास तस्करी को नाकाम करते हुए 10 मवेशियों को पकड़ा। 141वीं बटालियन के इलाके से बांग्लादेश में तस्करी (Smuggling in bangladesh) की कोशिश की जा रही थी।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। सीमा सुरक्षा बल (Border security force) ने बंगाल के नदिया जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास तस्करी को नाकाम करते हुए 10 मवेशियों के साथ एक तस्कर को पकड़ा है। बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर की ओर से गुरुवार को जारी बयान में बताया गया कि मवेशियों की बीएसएफ की सीमा चौकी खासमहल, 141वीं बटालियन के इलाके से बांग्लादेश में तस्करी (Smuggling in bangladesh) की कोशिश की जा रही थी। यह घटना बुधवार देर रात की है।
बयान के मुताबिक, बीएसएफ के खुफिया विभाग से जानकारी मिलने पर सीमा चौकी खासमहल के कंपनी कमांडर ने क्यूआरटी (त्वरित कार्यवाही टीम) को संदिग्ध इलाके में नियुक्त किया जहां से तस्करी होने की खबर थी। क्यूआरटी ने 25 से 30 तस्करों के साथ 10-12 मवेशियों को अंतरराष्ट्रीय सीमा की तरफ आते देखा। क्यूआरटी ने उन्हें रोकने के लिए चुनौती दी, लेकिन तस्कर आगे बढ़ते रहे और लाठी व तेज धार हथियार के साथ आक्रामक मुद्रा अपनाते हुए गंगा नदी तट से होते हुए अंतरर्राष्ट्रीय सीमा की ओर मवेशियों के साथ तेज़ी से जाने लगे। उनको तितर-बितर करने और तस्करी के प्रयास को विफल करने जवानों ने हवाई फायर किया।
हवाई फायर करते ही सभी तस्कर अंधेरे और उबड़-खाबड़ जमीन का फायदा उठाते हुए भागने लगे। हालांकि जवानों ने पीछा करते हुए इनमें से एक तस्कर को धर दबोचा। तलाशी के दौरान उस इलाके से 12 बड़े आकार के मवेशी मिले जिनमें 2 मृत अवस्था में थे। बीएसएफ का कहना है कि गंगा नदी के तट से दलदल से बचाव के दौरान दोनों मवेशी संभवतः मारे गए। वहीं, बचे हुए 10 मवेशियों की भारतीय बाजार में अनुमानित कीमत 2,25,230 है।वहीं, पकड़े गए तस्कर का नाम उमर फारुख शेख (29) है। वह मुर्शिदाबाद जिले के सागरपारा थाना क्षेत्र का रहने वाला है।
पूछताछ में उसने और भी कई तस्करों का नाम बताए हैं, जो इस काम में उसके साथ संलिप्त हैं। बीएसएफ ने आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए तस्कर को पुलिस स्टेशन सागरपारा को सौंप दिया है। इधर, 141वीं बटालियन बीएसएफ के कार्यवाहक कमाडेंट डी थॉमसन ने बताया कि मुस्तैद जवानों द्वारा दिन- रात ड्यूटी में दिखाई हुई तत्परता के कारण तस्कर अपने मनसूबों में कामयाब नहीं हो पा रहे हैं। दक्षिण बंगाल फ्रटियर की तरफ से "शून्य तस्करी अभियान" के प्रति हमारी बटालियन के जवान दृढ संकल्पित हैं।