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कोलकाता में 55 लाख की लागत से तैयार हो रही देश की सबसे लंबी बुद्ध प्रतिमा

अगले साल बुद्ध पूर्णिमा पर बोधगया स्थित मंदिर में की जाएगी प्रतिष्ठापित प्रतिमा के निर्माण में एक टन से ज्यादा फाइबर ग्लास का किया जाएगा इस्तेमाल

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 12 Aug 2020 03:28 PM (IST)Updated: Wed, 12 Aug 2020 09:30 PM (IST)
कोलकाता में 55 लाख की लागत से तैयार हो रही देश की सबसे लंबी बुद्ध प्रतिमा
कोलकाता में 55 लाख की लागत से तैयार हो रही देश की सबसे लंबी बुद्ध प्रतिमा

कोलकाता, विशाल श्रेष्ठ। दुनिया की सबसे ऊंची दुर्गा प्रतिमा के बाद अब देश की सबसे लंबी बुद्ध प्रतिमा! कोलकाता के जाने-माने मूर्तिकार मिंटू पाल प्रतिमा निर्माण के क्षेत्र में एक और नजीर पेश करने जा रहे हैं। 53 साल के पाल इस समय कुम्हारटोली स्थित अपने वर्कशॉप में भगवान बुद्ध की 100 फुट लंबी प्रतिमा तैयार करने में जुटे हुए हैं। शयन मुद्रा वाली इस प्रतिमा को अगले साल बुद्ध पूर्णिमा के पावन अवसर पर बोधगया स्थित बुद्ध इंटरनेशनल वेलफेयर मिशन के मंदिर में प्रतिष्ठापित किया जाएगा। पाल ने बताया-'मैं पिछले दो महीने से विशालतम बुद्ध प्रतिमा तैयार करने में जुटा हुआ हूं। अगले सात-आठ महीनों में इसे तैयार करके सौंप देना है। कोरोना महामारी के कारण काम में पहले ही विलंब हो चुका है। इस समय बुद्ध के चेहरे को तैयार करने का काम चल रहा है। उसके बाद शरीर के बाकी हिस्सों का अलग-अलग तौर पर निर्माण कर उन सबकी असेंबलिंग की जाएगी।' पाल ने आगे कहा-' प्रतिमा निर्माण में फाइबर ग्लास का प्रयोग किया जा रहा है।  इसके निर्माण में एक टन से ज्यादा फाइबर ग्लास का इस्तेमाल किया जाएगा। फाइबर ग्लास के ऊपर मैट का काम होगा। प्रतिमा का स्ट्रक्चर लोहे और स्टील से तैयार किया जाएगा। प्रतिमा सुनहरे रंग की होगी।'

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गौरतलब है कि मिंटू पाल ने 2015 में दुनिया की सबसे ऊंची दुर्गा प्रतिमा (88) फुट का निर्माण करके सबको दांतों तले अंगुली दबाने पर मजबूर कर दिया था।देशप्रिय पार्क सार्वजनीन पूजा कमेटी के लिए तैयार की गई इस दुर्गा प्रतिमा को देखने के लिए इस कदर जनसैलाब उमड़ पड़ा था कि प्रशासन को बाध्य होकर दर्शन ही बंद कर देने पड़े थे।

बुद्ध इंटरनेशनल वेलफेयर मिशन के संस्थापक व सचिव आर्य पाल भिक्षु ने बताया-'सारनाथ में बुद्ध की खड़ी मुद्रा और बोधगया में ध्यान मुद्रा में प्रतिमाएं हैं। दोनों की ऊंचाई 80 फुट है। हमारी शयन मुद्रा वाली प्रतिमा की लंबाई 80 फुट है लेकिन इसके नीचे जो बेदी बनेगी, वह 20 फुट की होगी। हम चाहते तो प्रतिमा की लंबाई और बढ़ा सकते थे लेकिन भगवान बुद्ध 80 साल तक इस संसार में रहे थे इसलिए मूल प्रतिमा की लंबाई 80 फुट ही रखी जा रही है। बुद्ध की यह ध्यान मुद्रा कुशीनगर में उनके महापरिनिर्वाण से पहले की है, जहां उन्होंने अमृत उपदेश दिया था।'

आर्य पाल ने आगे कहा-'बोधगया न्यू ब्लॉक ऑफिस के पीछे डेढ़ बीघा जमीन पर स्थित हमारे मंदिर की छत पर इस अद्भुत प्रतिमा को प्रतिष्ठापित किया जाएगा। प्रतिष्ठापन समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और धर्मगुरु दलाई लामा को आमंत्रित करने की हमारी योजना है।'


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