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West bengal politics : तृणमूल में अलग-थलग नेता व कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने में जुटी टीम PK

बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पार्टी छोड़ चुके नेताओं की घर वापसी के साथ अलग-थलग व निष्क्रिय पड़े नेताओं को भी सक्रिय करने में जुटी

By Vijay KumarEdited By: Published: Sat, 08 Aug 2020 05:51 PM (IST)Updated: Sat, 08 Aug 2020 05:51 PM (IST)
West bengal politics : तृणमूल में अलग-थलग नेता व कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने में जुटी टीम PK
West bengal politics : तृणमूल में अलग-थलग नेता व कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने में जुटी टीम PK

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पार्टी छोड़ चुके नेताओं की घर वापसी के साथ अलग-थलग व निष्क्रिय पड़े नेताओं को भी सक्रिय करने में जुट गई है। दरअसल, गत 21 जुलाई को तृणमूल की शहीद दिवस सभा में पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने तृणमूल छोड़नेवाले नेताओं और कार्यकर्ताओं से घर वापसी की अपील की थी। इसके बाद पूर्व विधायक विप्लव मित्रा जैसे कई नेताओं की पार्टी में फिर से वापसी हो गई है। दूसरी ओर, पार्टी से बिखरे हुए व अलग-थलग पड़े नेताओं को फिर से पार्टी में सक्रिय करने की कवायद भी शुरू कर दी गई है। 

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सूत्रों के अनुसार, इस कार्य में ममता बनर्जी के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (पीके) और उनकी टीम भी योजनाबद्ध तरीके से कार्य कर रही है। बताया जा रहा है कि जिला और ब्लॉक स्तर पर अलग-थलग और निष्क्रिय पड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं को वापस पार्टी के कार्यों में सक्रिय करने की कोशिश की जा रही है। साथ ही कारण का पता लगाया जा रहा है कि ऐसे नेता और कार्यकर्ताओं ने पार्टी से दूरी क्यों बना ली। 

दरअसल भाजपा से मिल रही कड़ी टक्कर को देखते हुए तृणमूल कांग्रेस अगले साल होनेवाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अपनी सांगठनिक ताकत बढ़ाने में पूरी तरह से जुट गयी है। उल्लेखनीय है कि पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने बंगाल में तृणमूल को करारी शिकस्त दी थी। भगवान दल ने राज्य की 42 में से 18 सीटें जीत कर सबको चौंका दिया था। 

लोकसभा चुनाव में जीत से उत्साहित भाजपा 2021 में बंगाल की सत्ता पर काबिज होने के लक्ष्य के साथ कड़ी मेहनत कर रही है।‌ इसको देखते हुए तृणमूल भी सत्ता में तीसरी बार वापसी के लिए अभी से रणनीति में जुट गई है। हाल में तृणमूल कांग्रेस ने पार्टी में बड़े स्तर पर सांगठनिक फेरबदल भी किया था और कई जिला अध्यक्षों को हटाकर युवाओं को मौका दिया है।


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