कोलकाता के आठ होटलों में पूरी सुख-सुविधाओं के साथ चल रहा कोरोना के मरीजों का इलाज
होटलों में रहने खाने-पीने से लेकर हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध हैं। डॉक्टरों और नर्सों की टीम वहां 24 घंटे तैनात रहती है। विभिन्न अस्पतालों के साथ इन होटलों का करार है।
कोलकाता, विशाल श्रेष्ठ। कोलकाता में कोरोना के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं, हालांकि इनमें ऐसे लोगों की संख्या अधिक है, जिनमें कोरोना के बेहद हल्के लक्षण हैं। सरकार ऐसे लोगों के घर में ही इलाज की बात कह रही है लेकिन बहुत से लोग घर में बच्चे-बुजुर्ग होने की वजह से किसी तरह का जोखिम उठाना नहीं चाहते।
अस्पतालों में कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए बेड की कमी न हो और घर में इलाज के बदले अलग व्यवस्था हो जाए, इसी जरुरत ने होटलों में कोरोना के हल्के लक्षण वाले मरीजों को ठहराने की नई परिकल्पना को जन्म दिया, जो बेहद सफल साबित हो रहा है। लोग इसे बहुत सुविधाजनक मान रहे हैं, हालांकि इसका एक आर्थिक पहलू भी है।
होटलों में रहने, खाने-पीने से लेकर हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध हैं। डॉक्टरों और नर्सों की टीम वहां 24 घंटे तैनात रहती है। विभिन्न अस्पतालों के साथ इन होटलों का करार है। एक तरह से कहा जा सकता है कि इन होटलों में पूरे ठाठ से कोरोना के मरीजों का इलाज चल रहा है। होटल के कमरों की दिन-ब-दिन बढ़ती मांग खुद ही इसकी सफलता की कहानी बयां कर रही है। जल्द ही कई और होटलों में यह व्यवस्था शुरू करने की तैयारी चल रही है।
कोलकाता में इस समय आठ होटलों में कोरोना के हल्के लक्षण वाले मरीजों का इलाज किया जा रहा है। होटल मोनोटेल का आमरी अस्पताल साल्टलेक, द सोनेट होटल का आइएलएफ हॉस्पिटल साल्टलेक, विजिटल-द बूटिक होटल का अपोलो हॉस्पिटल साल्टलेक, होटल एक्मी का वुडलैंड हॉस्पिटल, होटल शालीमार का नारायणा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, होटल ओरियन वेस्ट विलोज का बेल व्यू क्लिनिक, ओ2 आक्सीजन होटल का कोलंबिया हॉस्पिटल एशिया और होटल आर्यन का डिशान हॉस्पिटल से इस बाबत करार है। डिशान में 30, सोनेट में 40, मोनोटेल में 25, विजिटल-द बूटिक होटल में 40, वेस्ट विलोज में 27, एक्मी में 32 होटल शालीमार में 10और ओर ऑक्सीजन में 59 कमरों में कोरोना के हल्के लक्षणों वाले मरीजों के रहने के इंतजाम है।
इन होटलों के कुल 263 कमरों में अभी मरीज हैं। कोलकाता में कोरोना के मरीजों को होटलों रखने की इस व्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ ईस्टर्न इंडिया के सचिव सुदेश पोद्दार ने बताया-'हमने सरकार को कोरोना के हल्के लक्षण वाले मरीजों को होटलों में ठहराने का सुझाव दिया था।संकट की इस घड़ी में यह सुविधा प्रदान करने की इच्छा जताने वाले होटलों की सूची भी तैयार करके हमने सरकार को सौंपी थी।
सरकार को हमारा प्रस्ताव पसंद आया और उसने अस्पतालों से इस बाबत बातचीत की। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन के लोगों ने आकर उन होटलों का मुआयना किया और तत्पश्चात राज्य सरकार की अनुमति और एसोसिएशन की छत्रछाया में अस्पतालों और होटलों के बीच करार हुआ।
हमने सरकार को और सात-आठ होटलों की सूची सौंपी है जहां कुल 300 कमरे हैं।जल्द ही वहां भी कोरोना के मरीजों को रखने की व्यवस्था होगी।' पोद्दार ने आगे कहा-'इन होटलों में उन्हीं मरीजों को रखा जा रहा है जो गंभीर हालत में नहीं हैं और जिन्हें वेंटीलेटर की जरुरत नहीं है। होटल में किसी मरीज की हालत बिगड़ने पर उन्हें तुरंत अस्पताल शिफ्ट किया जा सकता है क्योंकि जिन होटलों का जिन अस्पतालों से करार हुआ है, वे पास-पास ही हैं।