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संक्रमितों के अंतिम संस्कार को लेकर हो रही अशांति पर बिफरीं ममता, बोलीं-हम कोई जादूगर नहीं...

कोरोना से मारे गए लोगों के अंतिम संस्कार को लेकर कई जगहों पर स्थानीय लोगों द्वारा विरोध प्रदर्शन व अशांति हो रही है। इन घटनाओं पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को गहरी नाराजगी

By Vijay KumarEdited By: Published: Thu, 16 Jul 2020 09:30 PM (IST)Updated: Thu, 16 Jul 2020 09:30 PM (IST)
संक्रमितों के अंतिम संस्कार को लेकर हो रही अशांति पर बिफरीं ममता, बोलीं-हम कोई जादूगर नहीं...
संक्रमितों के अंतिम संस्कार को लेकर हो रही अशांति पर बिफरीं ममता, बोलीं-हम कोई जादूगर नहीं...

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल में कोरोना संक्रमितों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी के बीच कोविड-19 से मरने वाले मरीजों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। वहीं, कोरोना से मारे गए लोगों के अंतिम संस्कार को लेकर कई जगहों पर स्थानीय लोगों द्वारा विरोध प्रदर्शन व अशांति हो रही है। इन घटनाओं पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को गहरी नाराजगी प्रकट की। राज्य सचिवालय नवान्न में संवाददाता सम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्री ने इस प्रकार के विरोध प्रदर्शन पर नाराजगी जाहिर करते हुए यहां तक कहा कि मेरे शरीर में ही चूल्ही बना लें और यहां शवों को जला दें। उन्होंने कहा कि कोरोना की वजह से मारे जाने वाले लोगों के अंतिम संस्कार के लिए कम से कम दो से तीन शवदाह गृह जरूरी है। लेकिन लोगों के विरोध की वजह से राज्य सरकार इसकी संख्या नहीं बढ़ा पा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अगर कहीं कम्युनिटी हॉल का क्वारंटाइन सेंटर के रूप में प्रयोग करना चाह रही है या सेफ हाउस की स्थापना करना चाह रही है तब भी लोग ऐसा करने नहीं करने दे रहे हैं। हर जगह के लोगों का यही कहना है कि उनके इलाके में यह नहीं बनने दिया जाएगा तो आखिर बनेगा कहां? 

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मुख्यमंत्री ने कोरोना को लेकर विरोध प्रदर्शन व सरकार की लगातार आलोचना कर रहे कर रहे विपक्षी पार्टियों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह समय विरोध प्रदर्शन का नहीं बल्कि साथ मिल कर इस महामारी से निपटने का है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम भगवान या कोई जादूगर नहीं है, जो अचानक से सब कुछ ठीक हो जाएगा। यह महामारी पूरी दुनिया में फैली है और यह एक बहुत बड़ी आपदा है।इसके खिलाफ लड़ाई के लिए हम सभी को जागरूक होना होगा। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि अन्य राज्यों की तुलना में बंगाल में स्वास्थ्य सेवा बहुत ही बेहतर है। 

उन्होंने केंद्र सरकार पर भी हमला बोला और कहा कि उन्होंने कोविड-19 से लड़ने के लिए कोई मदद नहीं की। ममता ने कहा, हमने सोचा था की केंद्र सरकार द्वारा 10,000 वेंटिलेटर दिया जाएगा, लेकिन कुछ नहीं मिला। ना ही केंद्र ने पर्याप्त संख्या में पीपीइ किट मुहैया कराया। हम अपने दम पर यहां कोरोना के मरीजों का इलाज कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि क्वारंटाइन सेंटर में दी जाने वाली सेवाओं को लेकर विरोधी पार्टियां सवाल उठा रही हैं, ऐसा करना सही नहीं है।उन्होंने कहा कि इस प्रकार की परिस्थिति में सेवाओं को देने में कुछ विलंब हो सकता है।इसका मतलब यह नहीं कि हम विरोध प्रदर्शन करने लगें। 

कोविड मरीजों के इलाज के लिए और 4000 बेड की होगी व्यवस्था : ममता 

मुख्यमंत्री ने इस दौरान कहा कि राज्य में जिस प्रकार से कोविड-19 के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, ऐसे में यहां के अस्पतालों में बेडों की संख्या बढ़ाना बहुत जरूरी है।इसे देखते हुए राज्य सरकार ने निजी अस्पतालों के साथ मिलकर 3500 से 4000 नए बेडों की व्यवस्था करने का फैसला किया है।उन्होंने बताया कि अब नीलरतन सरकार मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में भी कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों का इलाज होगा। यहां 110 बेड कोरोना मरीजों के लिए आवंटित किया गया है। इसके साथ साथ डेंटल कॉलेज के एक बिल्डिंग को भी कोविड अस्पताल के रूप में प्रयोग करने का निर्णय लिया गया है।मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके साथ- साथ निजी क्षेत्र से वुडलैंड हॉस्पिटल, दिसान हॉस्पिटल, आमरी हॉस्पिटल सहित अन्य निजी अस्पतालों ने भी कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों का इलाज करने के लिए बेडों की संख्या बढ़ाने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि इस कदम से अगले कुछ दिनों में कोरोना के इलाज के लिए और 3500 से 4000 बेडों की व्यवस्था की जा सकेगी।


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