चक्रवात एम्फन के दौरान सुंदरवन के तीन स्थान क्षतिग्रस्त पर बाघों को कोई नुकसान नहीं
चक्रवात एम्फन ने मानव आवास से अलग करने वाली बाड़ सुंदरवन टाइगर रिजर्व को कम से कम तीन स्थानों पर क्षतिग्रस्त कर दिया है हालांकि बाघों को कोई नुकसान नहीं हुआ है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : चक्रवात एम्फन ने मानव आवास से अलग करने वाली बाड़ सुंदरवन टाइगर रिजर्व को कम से कम तीन स्थानों पर क्षतिग्रस्त कर दिया है, हालांकि बाघों को कोई नुकसान नहीं हुआ है। इसकी जानकारी मुख्य वन्यजीव वार्डन रविकांत सिन्हा ने दी। उन्होंने बताया कि पिछले 3 दिनों में दक्षिण 24 परगना जिले के गोसाबा में नियंत्रण कक्ष और यहां के निकट स्थित साल्टलेक में बाघों या अन्य जंगली जानवरों के आस-पास के गांवों में घुसने की कोई घटना नहीं हुई है। "
चक्रवात के दौरान मुख्य वन क्षेत्र या आसपास के गांवों में जानवरों के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है। सिन्हा ने कहा कि चक्रवात ने कुलतली, बिद्या, सजनेखली क्षेत्रों में बाड़ के कुछ हिस्सों को क्षतिग्रस्त कर दिया है। प्रभावित बिंदुओं की मरम्मत वन विभाग के श्रमिकों द्वारा तत्काल आधार पर की जा रही है। सिन्हा ने कहा कि सुंदरवन का प्रवेश द्वार झारखाली कैंप चक्रवात के कारण आंशिक रूप से प्रभावित है। एक बाघ के शव की तस्वीर सोशल मीडिया पर प्रसारित होने के बारे में पूछे जाने पर, सिन्हा ने कहा, "यह सच नहीं है। सुंदरवन सहित विभिन्न चिड़ियाघरों और जंगलों में सभी जानवर सुरक्षित हैं।
”नवीनतम बाघ-जनगणना के अनुसार सुंदरवन रिजर्व में बाघों की संख्या बढ़कर 96 हो गई है जो पिछले अनुमान 88 से कहीं अधिक है गया है। चक्रवात के बाद संख्या यही रहेगी। उन्होंने बताया कि तूफान के दिन झारखाली हिरण पार्क में हिरण का जन्म हुआ जो अच्छी खबर है। इस बीच, अलीपुर चिड़ियाघर के निदेशक आशीष सामंत ने कहा कि चक्रवात के दौरान चिड़ियाघर में कुल 35 पेड़ उखड़ गए थे और क्षेत्र को खाली करने के लिए युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा है। कोरोनोवायरस के प्रकोप के बीच, चिड़ियाघर 17 मार्च से बंद है।