बंगाल में तूफान से अब तक 86 लोगों की मौत, जरूरी सेवा बहाली को ममता सरकार ने मांगी सेना की मदद
तूफान के थमने के तीन दिन बाद भी कोलकाता समेत विभिन्न जिलों में बिजली-पानी की आपूर्ति सुचारू नहीं होने और राहत कार्य शुरू नहीं होने को लेकर चारों पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया।
राज्य ब्यूरो, कोलकाताः बंगाल में एम्फन से मरने वालों की संख्या बढ़कर 86 हो गई है। तूफान के थमने के तीन दिन बाद भी कोलकाता समेत विभिन्न जिलों में बिजली-पानी की आपूर्ति सुचारू नहीं होने और राहत कार्य शुरू नहीं होने को लेकर चारों पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। कहीं सड़क जाम हटाने गई पुलिस पर पथराव तो कहीं लाठीचार्ज जैसी घटनाएं हो रही है। स्थिति विकट होता देख लोगों को समझाने के लिए खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लोगों से अपील की कि धर्य रखें। जल्द स्थिति सुधर जाएगी।
हालात को बेकाबू होता देख मुख्यमंत्री ने शनिवार को चक्रवात से प्रभावित इलाकों में आवश्यक सेवाओं की बहाली के लिए सेना, रेलवे और पोर्टट्रस्ट, एनडीआरएफ से मदद मांगी है। सरकार ने निजी संस्थाओं से भी इस उद्देश्य के लिए कर्मियों और उपकरणों को उपलब्ध कराने को कहा है। इसके बाद एनडीआरएफ की टीम कोलकाता में पेड़ हटाने में जुट गई। वहीं सेना ने भी कार्य शुरू कर दिया है।
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बिजली-पानी बहाली को जुटी है एक हजार से अधिक टीमें
पहले बंगाल के गृह विभाग ने एक के बाद एक कई ट्वीट किया इसके बाद दक्षिण चौबीस परगना जिले से आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के साथ वहां प्रशासनिक बैठक कर लौटीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने एकीकृत कमान के तौर पर आवश्यक आधारभूत ढांचों और सेवाओं को बहाल करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। सेना से मदद मांगी गई है, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के दस्ते तैनात हैं, रेलवे, कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट और निजी क्षेत्र से भी आपूर्ति दल और उपकरणों के लिए अनुरोध किया गया है। पीने का पानी, बिजली और पानी की निकासी के लिए आधारभूत ढांचे को तेजी से बहाल किया जा रहा है और लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग से उन इलाकों में पानी की थैलियां वितरित करने के कहा गया है जहां अभी समस्या है। ममता ने कहा कि सीईएससी को कहा गया है कि जहां जरूरत है वहां जनरेटरों से बिजली आपूर्ति की जाए है। विभिन्न विभागों और निकायों के 1000 से ज्यादा दल गिरे हुए पेड़ों को काटने में लगे हुए हैं जो मुहल्लों में बिजली की आपूर्ति बहाल करने के लिए अहम है। ममता ने कहा कि सीईएससी सरकार के अधीन नहीं है। सीईएससी निजी कंपनी को वाममोर्चा के शासनकाल ही दायित्व मिला था।
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मीडिया को कोसा, ममता ने लोगों से की धैर्य रखने की अपील
ममता ने विरोध प्रदर्शन की तस्वीरें व खबरें दिखाने के लिए मीडिया पर प्रहार किया और कहा कि इस तरह की खबरें न दिखाकर जो लोग दिनरात पेड़ काटने से लेकर बिजली व अन्य आवश्यक सेवा की बहाली में जुटे हैं उनकी तस्वीर दिखाएं। कुछ लोग लोगों को भड़का रहे हैं। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूबीएसईडीसीएल और सीइएससी से अधिकतम कर्मियों को लगाने को कहा गया है यद्यपि लॉकडाउन की वजह से तैनाती क्षमता काफी प्रभावित हुई है। पुलिस हाई अलर्ट पर है। कोलकाता और पड़ोसी जिलों में चक्रवात के तीन दिन बाद भी बिजली, पानी की आपूर्ति बहाल नहीं होने पर लोगों के प्रदर्शन के बाद यह घोषणा की गई। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों से धैर्य बनाए रखने को कहा है क्योंकि प्रशासन सामान्य स्थिति बहाल करने में लगातार लगा हुआ है। ‘एम्फन’ चक्रवात की वजह से राज्य में 86 लोगों की जान चली गई और कम से कम 14 जिलों में आधारभूत ढांचों को खासा नुकसान पहुंचा है।
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राहत कार्य के लिए ओडिशा व झारखंड से ममता ने मांगी मदद
ममता ने कहा कि फणि तूफान के समय बंगाल ने ओडिशा की मदद की थी। अब ओडिशा से मदद मांगी गई है। साथ ही झारखंड से भी टीम मांगी गई है। इस पर ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त प्रदीप जेना ने कहा कि बंगाल में राहत कार्य में ओडिशा भी मदद करेगा। उन्होंने कहा, 'ओडिशा सरकार ने बंगाल में गिरे पेड़ों को हटाने, रोड क्लियर करने और अन्य राहत कार्य के लिए ओडिशा डिजास्टर रैपिड ऐक्शन फोर्स के 500 जवान और फायर डिपार्टमेंट के 500 कर्मी भेजने का फैसला लिया है।'