Coronavirus: 13 साल के अर्चिष्मान ने कोरोना पीड़ितों के लिए दान की अपनी पुरस्कार राशि
Coronavirus. अर्चिष्मान ने अपनी पूरी की पूरी पुरस्कार राशि कोरोना पीड़ितों की मदद के लिए केंद्र और बंगाल सरकार के आपात राहत कोष में दान कर दी है।
विशाल श्रेष्ठ, कोलकाता। Coronavirus. दूसरों की मदद के लिए दिल से कुछ देना ही सही मायने में दान कहलाता है, फिर चाहे रकम कितनी भी छोटी क्यों न हो। 13 साल के अर्चिष्मान नंदी ने ऐसी ही नजीर पेश की है। अर्चिष्मान ने अपनी पूरी की पूरी पुरस्कार राशि कोरोना पीड़ितों की मदद के लिए केंद्र और बंगाल सरकार के आपात राहत कोष में दान कर दी है, जो उसने 'इंटरनेशनल टैलेंट हंट ओलंपियाड' और 'टेस्ट फॉर साइंटिस्ट टेस्ट' में जीती थी। अर्चिष्मान ने प्रधानमंत्री आपात राहत कोष में 1000 रुपये और बंगाल सरकार के आपात राहत कोष में 2000 रुपये दान किए हैं।
उसके इस आर्थिक योगदान की राज्य सरकार के वित्त विभाग के संयुक्त सचिव खालिद ए अनवर ने सराहना की है। पश्चिम मेदिनीपुर जिले के खड़गपुर शहर के सेंट एग्नेस स्कूल में आठवीं के छात्र अर्चिष्मान ने कहा कि छात्र समुदाय को 'सीखो, कमाओ और समाज को लौटाओ' सिद्धांत पर दृढ़ता से विश्वास करना चाहिए और जब राष्ट्र दांव पर हो तो अपनी क्षमता के मुताबिक सर्वश्रेष्ठ योगदान करना चाहिए। शिक्षा का कोई मूल्य नहीं है, अगर वह दूसरों को प्रभावित नहीं करता है।
खड़गपुर के बारोबेटिया इलाके के रहने वाले अर्चिष्मान ने शिक्षा सत्र 2019-20 में आयोजित इंटरनेशनल टैलेंट हंट ओलंपियाड में 100 में 100 अंक हासिल कर रैंक वन हासिल किया था। इसमें श्रीलंका, भूटान, बांग्लादेश, नेपाल समेत 14 देशों के स्कूलों ने भाग लिया था। विजेता के तौर पर प्रोत्साहन स्वरुप अर्चिष्मान को 2000 रुपये की रकम मिली थी, जो उसने राज्य सरकार के आपदा राहत कोष में दान कर दी। इसी तरह टेस्ट फॉर साइंटिस्ट टेस्ट में अर्चिष्मान 2017 से 2019 तक लगातार तीन बार अव्वल रहा। वहां भी बतौर पुरस्कार उसे 1000 रुपये की प्रोत्साहन राशि मिली। उसने उसे भी प्रधानमंत्री आपात राहत कोष में दान कर दिया है।
अर्चिष्मान ने इससे पहले गणित, विज्ञान, तर्क, सामान्य ज्ञान, अंग्रेजी, साइबर और सूचना विज्ञान के क्षेत्र में असाधारण प्रदर्शन के साथ 70 ओलंपियाड और प्रतियोगी परीक्षाओं में उत्तीर्ण किया है, जिनका राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के विभिन्न शिक्षा मूल्यांकन संस्थानों की ओर से आयोजन किया गया था। अर्चिष्मान को 'इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स' की ओर से 13 साल से काम उम्र में 'सर्वाधिक अकादमिक टेस्ट क्वालीफाई' के खिताब से भी नवाजा जा चुका है। अर्चिष्मान के पिता मिठुन नंदी एक फर्मास्युटिकल कंपनी में असिस्टेंट जनरल सेल्स मैनेजर हैं, जबकि मां अनिंदिता माइती नंदी विद्यासागर यूनिवर्सिटी, मेदिनीपुर में टेक्निकल असिस्टेंट के पद पर हैं।