West Bengal Coronavirus :कोविड-19 से मृत व्यक्ति के दाह संस्कार से नहीं फैलता कोरोना वायरस
कोविड-19 से मृत व्यक्ति के दाह संस्कार से नहीं फैलता कोरोना वायरसशवों को जलाने के दौरान उत्पन्न तापमान 800-1000 डिग्री सेल्सियस रहता है जिसके तहत वायरस जिंदा नहीं रह सकता
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य विभाग ने शुक्रवार को राज्य के अधिकारियों और जनता को एक निर्देशिका जारी की, जिसमें कहा गया कि श्मशान या दफन क्षेत्र में कोरोना वायरस के संचरण की कोई संभावना नहीं है। स्थानीय निवासियों द्वारा सरकारी अधिकारियों को एक बुजुर्ग व्यक्ति का दाह संस्कार करने से रोकने घटना के बाद यह निर्देशिका जारी की गई।
राज्य के कोने-कोने से भी इस तरह के विरोध प्रदर्शन की खबरें आईं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, राज्य में कोरोना वायरस के कारण तीन लोगों की मृत्यु हुई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मार्गदर्शन और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों के हवाले से पश्चिम बंगाल सरकार ने कहा कि कोविड-19 के प्रसार का मुख्य जरिया ड्रॉपलेट है।
एम्स का भी कहना है कि कोरोना के संक्रमण से मारे गए व्यक्ति के दाह संस्कार में कोई जोखिम नहीं है। राज्य सरकार की निर्देशिका में कहा गया है कि मृत कोरोना मरीज को संभालने वाले स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, परिवार के सदस्यों या इलाके के लोगों को कोई जोखिम है। शवों को जलाने के दौरान उत्पन्न तापमान 800-1,000 डिग्री सेल्सियस रहता है, जिसके तहत किसी भी हालत में वायरस जिंदा नहीं रह सकता है।
इसके अलावा, सरकार ने यहां तक दावा किया कि चिता से उत्पन्न धुएं का कोई सबूत नहीं है कि उससे कोविड-19 पैदा हो सकती है।अगर कोविड-19 पॉजिटिव व्यक्तियों के शवों के परिवहन और निपटान के लिए निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन किया जाता है, तो अंतिम संस्कार के परिणामस्वरूप शव से फैलने वाले किसी भी कोरोना वायरस संक्रमण का कोई खतरा नहीं है। इससे पहले, ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज नई
दिल्ली के निदेशक - रणदीप गुलेरिया ने यह भी कहा कि किसी ऐसे व्यक्ति के शरीर का अंतिम संस्कार करने में कोई जोखिम नहीं है जो कोरोनो वायरस संक्रमण से मर गया। उन्होंने स्पष्ट किया कि कोरोना वायरस, जिसे आधिकारिक तौर पर कोविड-19 के रूप में जाना जाता है, शवों के माध्यम से नहीं फैल सकता है। इसलिए, मृत कोरोनो मरीज के शवों का दाह संस्कार करने में कोई जोखिम नहीं है।