Coronavirus: WHO के फार्मूले पर हैंड रब बनाकर लोगों को बांट रहे मुफ्त, ये है Positive India
साफ रहेंगे हाथ तो ही दे पाएंगे कोरोना को मात- इसी ध्येय के साथ जादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) कोलकाता के एक प्रोफेसर ने असरकारी हैंड रब तैयार किया है और जरूरतमंदों में बांट रहे हैं
कोलकाता,विशाल श्रेष्ठ। Positive India साफ रहेंगे हाथ, तो ही दे पाएंगे कोरोना को मात- इसी ध्येय के साथ जादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू), कोलकाता के एक प्रोफेसर ने असरकारी हैंड रब तैयार किया है और जरूरतमंदों में बांट रहे हैं। ये हैं जेयू के डिपार्टमेंट ऑफ फर्मास्युटिकल टेक्नोलॉजी में फर्माकोलॉजी के प्रोफेसर सन्मय कर्मकार।
48 वर्षीय कर्मकार ने बताया-
मैंने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के फार्मूले शान के मुताबिक इस हैंड रब को तैयार किया है। हमारे लैब में सेल कल्चर होते रहता है, चूंकि इसमें इथाइल अलकोहल का भी इस्तेमाल होता है इसलिए हमारे पास इसका कुछ स्टॉक हमेशा रहता है। पिछले दिनों जब देश में कोरोना वायरस अचानक से फैलना शुरू हुआ, तब बाजार में हैंड सैनिटाइजर की किल्लत हो गई। उस वक्त दो सरकारी संस्थाओं ने मुझसे संपर्क कर अपने कर्मचारियों के लिए हैंड रब तैयार करके देने का अनुरोध किया।
हमारे लैब में इथाइल अलकोहल था-
हमारे लैब में इथाइल अलकोहल मौजूद था, इसलिए मैंने अपने छात्रों के सहयोग से बेहद अल्प समय में हैंड रब तैयार करके उन्हें दे दिया। यह बात जब दूसरों को मालूम हुई तो उन्होंने भी हैंड रब तैयार करके देने का आग्रह किया। उस वक्त महसूस हुआ कि बाजार में इसकी कितनी किल्लत है। कोरोना ऐसा वायरस है जो एक इंसान से दूसरे इंसान में काफी तेजी से संक्रमित होता है इसलिए हाथों का पूरी तरह से जीवाणु मुक्त होना बहुत जरूरी है।
कोरोना को फैलने से रोकने के लिए लोगों को असरदार हैंड रब जल्द से जल्द उपलब्ध कराना जरूरी है, इसलिए मैंने इसे तैयार करके मुफ्त बांटना शुरू कर दिया। हम ज्यादा से ज्यादा लोगों को हैंड रब उपलब्ध कराने की कोशिश कर रहे हैं और घोर संकट की इस घड़ी में इस तरह से अपना सामाजिक दायित्व निभा रहे हैं।
कोलकाता के नाकतला इलाके के रहने वाले कर्मकार ने आगे कहा-
हैंड रब तैयार करने के लिए डब्ल्यूएचओ के दो फार्मूलेशान हैं। पहला इथाइल अलकोहल मिलाकर और दूसरा आइसोप्रोपाइल अलकोहल से। इसके अलावा इसमें ग्लिसरीन और हाइड्रोजन परऑक्साइड का भी मिश्रण किया जाता है।
कर्मकार के मार्गदर्शन में चार छात्रों की टीम अब खुद से भी हैंड रब तैयार कर लोगों में बांट रही है। बांटने के साथ ही इसके इस्तेमाल के सही तरीके के बारे में भी बताया जा रहा है। हरेक व्यक्ति को लगभग 100-150 मिलीलीटर हैंड रब दिया जा रहा है। जेयू परिसर से ही इसे बांटा जा रहा है। अब तक 450 लोगों में इसे बांटा जा चुका है। प्रोफेसर कर्मकार के छात्रों में हिंडल मजुमदार, रुद्रनील भौमिक व अन्य शामिल हैं।
विश्वविद्यालय का मिला पूरा सहयोग
2007 से जेयू में पढ़ा रहे कर्मकार ने कहा- इस मुहिम में जेयू प्रबंधन का हमें पूरा समर्थन और सहयोग मिला है। जेयू के वाइस चांसलर प्रोफेसर चिरंजीव भट्टाचार्य ने हमें इस काम के लिए लैब और वहां रखे उपकरणों का इस्तेमाल करने की अनुमति दी। हैंड रब तैयार करने में लगने वाले उपादान हम अपने फंड से खरीद रहे हैं। कुछ शुभचिंतक भी इस काम में आर्थिक मदद कर रहे हैं।