West Bengal: अदालत पहुंचा बंगाल चेस एसोसिएशन का अंतर्द्वंद्व
Bengal Chase Association. बरुआ ने पिछले साल 27 अगस्त को संवाददाता सम्मेलन कर लाहिड़ी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल चेस एसोसिएशन (बीसीए) का अंतर्द्वंद्व अब अदालत पहुंच गया है। बीसीए के सचिव अतनु लाहिड़ी की मानहानि के मामले में ग्रैंडमास्टर दिब्येंदु बरुआ और ऑल इंडिया चेस फेडरेशन (एआइसीएफ) के सचिव भरत सिंह चौहान को कोलकाता के 10वें न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत से समन भेजा गया है। अदालत ने प्रारंभिक जांच के आधार पर मामले पर संज्ञान लेते हुए यह कार्रवाई की है।
बरुआ और चौहान को 31 मार्च को अदालत में हाजिर होकर अपना पक्ष रखने को कहा गया है। मानहानि के मामले में दोषी साबित होने पर दोनों को दो साल की सजा हो सकती है। समन भेजे जाने का बीसीए और एआइसीएफ के चुनाव पर असर पड़ना लाजिमी है। ये दोनों चुनाव अदालत के निर्देश के तहत हो रहे हैं। चौहान एआइसीएफ और बरुआ बीसीए में सचिव पद के उम्मीदवार हैं। बरुआ ने कहा कि उन्हें अभी तक अदालत से कोई नोटिस नहीं मिली है।
गौरतलब है कि बरुआ ने पिछले साल 27 अगस्त को संवाददाता सम्मेलन कर लाहिड़ी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। लाहिड़ी उस वक्त चीन में चल रही वर्ल्ड कैडेट चेस चैंपियनशिप में भारतीय टीम के कोच थे। चौहान ने भी इस मसले पर लाहिड़ी की कड़ी निंदा की थी। मामले की जांच के लिए एआइसीएफ के अध्यक्ष राजा की ओर से कमेटी गठित की गई थी। कमेटी ने अपनी जांच में लाहिड़ी को क्लीन चिट देते हुए कहा कि उन पर लगाए गए सारे आरोप आधारहीन हैं और उनका कोई सुबूत नहीं है।
वहीं, बंगाल के बांकुड़ा जिले में एक गांव के सैकड़ों लोग मुआवजे और पुनर्वास की मांग को लेकर दर-दर की ठोकरें खाने के बाद अब अनशन शुरू कर दिया है। जिले के बड़जोरा ब्लॉक के मनोहर गांव के लोगों का आरोप है कि पास के एक कोयला खदान में विस्फोटों की वजह से कई घरों में दरारें आ गई है। मुआवजा व पुनर्वास के लिए बार-बार अनुरोध के बावजूद अब तक कोई कदम नहीं उठाए जाने पर बुजुर्ग व्यक्तियों सहित कई गांव के निवासी मनोहर गांव में सोमवार से अनशन पर बैठ गए हैं।