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West Bengal: मुकुल रॉय के खिलाफ कार्रवाई पर कलकत्ता हाई कोर्ट ने लगाई रोक

Mukul Roy. शिकायतकर्ता और तृणमूल नेता सुजीत श्याम ने कालीघाट थाने में मुकुल रॉय व अन्य के खिलाफ पिछले साल फरवरी में प्राथमिकी दर्ज करवाई थी।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Thu, 13 Feb 2020 01:51 PM (IST)Updated: Thu, 13 Feb 2020 01:51 PM (IST)
West Bengal: मुकुल रॉय के खिलाफ कार्रवाई पर कलकत्ता हाई कोर्ट ने लगाई रोक
West Bengal: मुकुल रॉय के खिलाफ कार्रवाई पर कलकत्ता हाई कोर्ट ने लगाई रोक

कोलकाता, जागरण संवाददाता। Mukul Roy. धोखाधड़ी, फोन पर धमकी देने व प्रताड़ना से जुड़े एक मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट ने बुधवार को भाजपा नेता मुकुल रॉय को बड़ी राहत देते हुए कोलकाता पुलिस को उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति तीर्थकर घोष की पीठ ने मुकुल की याचिका पर सुनवाई करते हुए इस मामले में उन्हें 23 अप्रैल तक राहत दे दी और पुलिस को किसी तरह का उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का निर्देश जारी कर दिया। हालांकि अदालत ने इस मामले में पुलिस को एक हफ्ते पहले अग्रिम सूचना देकर भाजपा नेता से पूछताछ की इजाजत दे दी।

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अब 23 अप्रैल को अदालत इस मामले पर फिर से सुनवाई करेगी। रॉय की ओर से हाई कोर्ट में वरिष्ठ वकील विकास भट्टाचार्य ने पक्ष रखा और कहा कि उनके खिलाफ की गई शिकायत किसी भी अपराध का खुलासा नहीं करती है और यह आरोप राजनीति से प्रेरित है। इससे पहले कालीघाट थाने में पुलिस इस मामले में हाल में उनसे दो बार पूछताछ कर चुकी है।

उल्लेखनीय है कि शिकायतकर्ता और तृणमूल नेता सुजीत श्याम ने कालीघाट थाने में मुकुल रॉय व अन्य के खिलाफ पिछले साल फरवरी में प्राथमिकी दर्ज कराकर दावा किया था कि उन्हें एक अनजान मोबाइल नंबर से फोन आया और फोन करने वाले ने कहा कि उसके पास सीडी में ऐसे दस्तावेज हैं जो तृणमूल के लिए नुकसानदेह हो सकते हैं और डेढ़ करोड़ रुपये के बदले वो उन्हें सौंपने की बात कहीं। श्याम ने दावा किया कि मामले में मुख्य आरोपी फोन करने वाला था, उसने कहा था कि मुकुल ने पूर्व में ज्यादा कीमत पर सीडी खरीदने की इच्छा व्यक्त की थी लेकिन बाद में पीछे हट गए थे। शिकायत में श्याम में इन फोन कॉल के पीछे भाजपा नेता का हाथ होने का आरोप लगाया था।

इस मामले में पुलिस कार्रवाई से बचने के लिए मुकुल ने पिछले महीने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इससे पहले बीते 18 जनवरी और 10 फरवरी को कालीघाट थाने में जांच अधिकारियों ने मुकुल से घंटों पूछताछ की थी और उनके बयान भी रिकॉर्ड किया था। दूसरी ओर मुकुल का कहना है कि राजनीतिक द्वेष से उनके खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज कर उन्हें फंसाया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि तृणमूल के संस्थापक सदस्यों में शामिल रहे और ममता बनर्जी के बेहद करीब रहे मुकुल ने 2017 में भाजपा ज्वाइन कर लिया था।

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