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ममता सरकार का भाषण राज्यपाल ने हूबहू पढ़ा, बंगाल विधानसभा का बजट सत्र शुरू

तमाम आशंकाओं को दरकिनार करते हुए राज्यपाल ने राज्य सरकार के तैयार भाषण को बिना किसी फेरबदल के पढ़ा।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Fri, 07 Feb 2020 10:49 PM (IST)Updated: Fri, 07 Feb 2020 10:49 PM (IST)
ममता सरकार का भाषण राज्यपाल ने हूबहू पढ़ा, बंगाल विधानसभा का बजट सत्र शुरू
ममता सरकार का भाषण राज्यपाल ने हूबहू पढ़ा, बंगाल विधानसभा का बजट सत्र शुरू

जागरण संवाददाता, कोलकाता। राज्यपाल जगदीप धनखड़ के अभिभाषण के साथ शुक्रवार से बंगाल विधानसभा का बजट सत्र शुरू हुआ। तमाम आशंकाओं को दरकिनार करते हुए राज्यपाल ने राज्य सरकार के तैयार भाषण को बिना किसी फेरबदल के पढ़ा।

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देश में असहिष्णुता, धार्मिक कट्टरता व नफरत : राज्यपाल

उन्होंने कहा कि असहिष्णुता, धार्मिक कट्टरता और नफरत अब इस देश के नए मानक हो गए हैं। सभी तरह की असहमतियों को अस्वीकार कर देना अब देशभक्ति के नाम पर नया फैशन बन गया है।

राज्यपाल ने 16 पन्ने का भाषण को हूबहू पढ़कर सरकार के साथ टकराव को किया खत्म

राज्यपाल ने भाषण को हूबहू पढ़कर सरकार के साथ किसी भी तरह के टकराव की संभावनाओं को समाप्त कर दिया। पहले उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार के तैयार भाषण में कुछ बदलाव करेंगे। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ और उन्होंने सरकार द्वारा लिखित 16 पन्ने का भाषण तकरीबन एक घंटे में हूबहू पढ़ा।

सीएए के खिलाफ आंदोलन में मारे गए लोगों के लिए शोक

अभिभाषण में सीएए के विरोध आंदोलन में मरने वाले लोगों के लिए शोक भी था तो एनआरसी व सीएए के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस की ममता सरकार का स्पष्ट स्टैंड भी था।

राज्यपाल ने अभिभाषण में उन्नत कानून व्यवस्था, तमाम योजनाओं का गुणगान था

ममता सरकार की उपलब्धियां व तमाम योजनाओं का गुणगान से लेकर राज्य की उन्नत कानून व्यवस्था, सरकार संचालित योजनाओं का बखान शामिल था, जिस पर कुछ दिन पहले राज्यपाल ने अलग राय व्यक्त की थी।

ममता बनर्जी ने राज्यपाल का किया अभिवादन

अभिभाषण समाप्त कर परंपरा से इतर राज्यपाल विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी के कक्ष में पहुंचे, जहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, संसदीय कार्य मंत्री पार्थ चटर्जी व एकाधिक मंत्रियों की उपस्थिति में तकरीबन 15 मिनट तक बैठक चली। इससे पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्यपाल का अभिवादन किया और विधानसभा से निकलते वक्त उन्हें छोड़ने पहुंचीं। बैठक के बाद जब ममता निकलीं तो उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि चाय का कार्यक्रम था।

सदन में तृणमूल विधायकों ने सीएए के विरोध वाले बैज पहन रखे थे

सदन में तृणमूल विधायकों ने सीएए और एनआरसी के विरोध वाले बैज, सिर पर पट्टी और गले में संविधान वाले पोस्टर पहन रखा था।

सीएए व एनआरसी की वजह से राज्य में हुई मौत पर जताया शोक

राज्यपाल ने वह पैरा भी पढ़ा, जिसमें नागरिकता संशोधन कानून को असंवैधानिक और भेदभावपूर्ण बताया गया था। राज्यपाल ने कहा, वर्तमान में हमारा देश नाजुक समय से गुजर रहा है। संविधान के मूल्य और सिद्धांतों पर चुनौती मंडरा रही है। गलत सूचनाओं को फैलाना और देशभक्ति के नाम पर असहमतियों को अस्वीकार करना फैशन बन गया है। उन्होंने सीएए के खिलाफ आंदोलन में हुई मौत पर शोक व्यक्त किया। कहा कि कोई बड़ा कदम उठाने से पहले सभी वर्ग के लोगों को भरोसे में लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर), एनआरसी या सीएए जैसे कदमों के नाम पर लोगों के बंटवारे के खिलाफ है।

विपक्ष ने लगाया सांठगांठ का आरोप

विधानसभा में विपक्षी कांग्रेस व माकपा ने केंद्र व राज्य में साठगांठ का आरोप लगाया। वाममोर्चा विधायक दल के नेता सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि राज्यपाल सदन में इतिहास रचने वाले थे, लेकिन असल बात यह है कि सीएए का विरोध महज दिखावा है और सांठगांठ हो चुकी है।

राज्यपाल धनखड़ के तलब करने पर राजभवन पहुंचे मुख्य सचिव

राज्यपाल धनखड़ ने शुक्रवार को बंगाल विधानसभा में अभिभाषण के बाद मुख्यसचिव को तलब किया, जिसके बाद शाम में मुख्य सचिव राजीव सिन्हा वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ पहुंचे। बताया गया है कि राजभवन में राज्यपाल, राज्य के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा और राज्यपाल के अतिरिक्त मुख्य सचिव सतीश चन्द्र तिवारी के साथ बातचीत हुई। बैठक तकरीबन एक घंटे चली। इसके बाद राज्यपाल ने वार्षिक वित्तीय विवरण और अनुपूरक अनुदान के लिए मंजूरी दी।

संविधान की उच्च परंपराओं के अनुरूप दिया अभिभाषण : राज्यपाल

अभिभाषण समाप्त करने के बाद राज्यपाल ने ट्वीट किया, मैंने संविधान की उच्च परंपराओं के अनुरुप अपना अभिभाषण दिया। मुझे उम्मीद है कि सभी संविधान का पालन करेंगे। यह लोगों की सेवा और लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ाने का एकमात्र तरीका है। मैं अधिकार प्राप्त सभी उच्च पदस्थ लोगों से आग्रह करता हूं कि वे संविधान से विपरीत किसी भी कार्यप्रणाली से दूर रहें।

केरल के राज्यपाल ने किया था संशोधन

इससे पहले केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद ने पिछले महीने सदन में अभिभाषण के विवादित पैरा को पढ़ते हुए साफ किया था कि यह सरकार का पक्ष है। हालांकि, इसे पढ़ने से पहले उन्होंने यह साफ किया कि वह मानते हैं कि यह सरकार की नीतियों और योजनाओं के अंतर्गत नहीं आता है।


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