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Tantra ke gan: 205 बच्चों का दिल का ऑपरेशन करा दी नई जिंदगी

Tantra ke gan 205 बच्चों का दिल का ऑपरेशन करा दी नई जिंदगी

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 21 Jan 2020 12:54 PM (IST)Updated: Tue, 21 Jan 2020 12:54 PM (IST)
Tantra ke gan: 205 बच्चों का दिल का ऑपरेशन करा दी नई जिंदगी
Tantra ke gan: 205 बच्चों का दिल का ऑपरेशन करा दी नई जिंदगी

कोलकाता, सुनील शर्मा। करोड़पति नहीं हैं, लेकिन दिल से बेहद अमीर हैं, तभी तो गरीब बच्चों के दिल का मर्ज दूर करने की नेक मुहिम में जुटे हुए हैं। ये हैं 45 साल के राजेश कुमार सिंह। राजेश अब तक 205 गरीब बच्चों के दिल का ऑपरेशन कराकर उन्हें नई जिंदगी दे चुके हैं।

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हावड़ा, बंगाल के  लिलुआ इलाके के वाशिंदा राजेश ने 2004 में यह मुहिम शुरू की थी। पहली बार उन्होंने सड़कों से कागज बीनने वाले रतिकांत मंडल नामक व्यक्ति की 16 साल की बेटी श्रीपति मंडल के दिल का ऑपरेशन कराने में मदद की थी। 

ऑपरेशन के लिए रुपये जुटाने को राजेश ने राज्य के सरकारी विभागों से लेकर आर्थिक रूप से सक्षम लोगों के घर के चक्कर लगाए। जनप्रतिनिधियों से मिले। उनकी मेहनत रंग लाई। जनप्रतिनिधियों व एक डॉक्टर दंपती ने मदद की। राजेश के अथक परिश्रम की बदौलत कोलकाता के ढाकुरिया इलाके की गोविंदपुर रेलवे कॉलोनी की रहने वाली श्रीपति को नया जीवन मिला। इस सफलता से राजेश का आत्मबल बढ़ गया। उन्होंने हृदय रोग से पीड़ित गरीब बच्चों का इलाज कराने को अपने जीवन का ध्येय बना लिया। विभिन्न संस्थाएं भी उनकी मदद को आगे आईं। इस नेक कार्य में वर्तमान में राजेश की मानस फाउंडेशन, हैव ए हार्ट फाउंडेशन, श्रीराम सेवा समिति ट्रस्ट, रोटरी क्लब महानगर, श्रीगणेश मानव कल्याण ट्रस्ट, आथा फाउंडेशन, रघुनाथ प्रसाद नोपानी वेलफेयर फंड समेत संस्थाएं मदद कर रही हैं। इसके अलावा उन्हें समाज के कुछ विशिष्ट लोगों व अपने परिवार का भी सहयोग मिल रहा है।

मां से मिली समाज सेवा की प्रेरणा: उन्होंने

कहा- दूसरों की मदद करके काफी खुशी

और संतोष मिलता है। जब किसी गरीब

परिवार का बच्चा बीमारी से उबरकर

स्वस्थ हो जाता है, उस वक्त उसके चेहरे

पर जो खुशी झलकती है, उसे देखकर

बड़ा सुकून मिलता है। मानव सेवा की

प्रेरणा मुझे मेरी मां स्वर्गीय गीता देवी से

मिली। समाज में जरूरतमंदों की कमी

नहीं है इसलिए अधिक से अधिक लोगों

को सेवा कार्य में आगे आने की जरूरत

है। राजेश के प्रयास से दिल के ऑपरेशन

के बाद सामान्य जीवन जी रहे कळ्ंदन राय

की मां राजकळ्मारी देवी ने बताया- राजेश

न होते तो मेरे बेटे का ऑपरेशन नहीं हो

पाता। हम उनके प्रति कृतज्ञ हैं...। दूसरी

कक्षा के छात्र कळ्ंदन का दो महीने पहले ही

ऑपरेशन हुआ है।

पेशे से कारोबारी राजेश ने 1994 में

कोलकाता के उमेश चंद्र कॉलेज से बी.

कॉम की पढ़ाई की। अविवाहित राजेश

समाज को अपना परिवार मानते हैं और

समाज सेवा को जीवन का लक्ष्य। 


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