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स्कूल बसों व पूल कारों के कानूनी अनुपालन को सुनिश्चित करने की अपील

जागरण संवाददाता कोलकाता राज्य परिवहन विभाग ने स्कूल के प्रिंसिपलों से अनुरोध किया है कि वे

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Nov 2019 08:38 AM (IST)Updated: Fri, 15 Nov 2019 08:38 AM (IST)
स्कूल बसों व पूल कारों के कानूनी 
अनुपालन को सुनिश्चित करने की अपील
स्कूल बसों व पूल कारों के कानूनी अनुपालन को सुनिश्चित करने की अपील

जागरण संवाददाता, कोलकाता : राज्य परिवहन विभाग ने स्कूल के प्रिंसिपलों से अनुरोध किया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि पूल कार और स्कूल बस ऑपरेटर यातायात नियमों का पालन करें। साथ ही स्कूलों के प्रिंसिपलों को वाहन संचालकों और अभिभावकों की ओर से काउंसलिंग की पहल करने पर भी जोर दिया है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि स्कूली छात्रों के परिवहन में लगे पूल कार और स्कूल बसें सड़क सुरक्षा कानून का सार्वजनिक हित में पालन करें। हालांकि परिवहन विभाग की ओर से उक्त बयान चितपुर लॉक गेट दुर्घटना के बाद आया है, जिसमें 12 स्कूली बच्चों सहित कुल 20 लोग जख्मी हुए थे। वहीं दुर्घटना में जख्मी हुए छात्रों, अभिभावकों और बस चालक को स्थानीय लोगों की मदद से आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में भर्ती कराया था, जिसमें से कुछ को तो प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल से छुंट्टी दे दी गई। लेकिन अभी भी कुछ लोग इलाजरत हैं। जानकारी के मुताबिक गत सोमवार की सुबह बस होली चाइल्ड स्कूल के छात्रों को लेकर बागबाजार की ओर जा रही थी, तभी पीके मुखर्जी रोड व काशीपुर रोड के करीब चितपुर लॉक गेट फ्लाईओवर को पार करने के बाद चालक ने वाहन से नियंत्रण खो दिया और लैंप पोस्ट से जा टकराया। इधर, उक्त घटना पर संज्ञान लेते हुए राज्य परिवहन विभाग ने स्कूल के प्रिंसिपलों को एक पत्र जारी कर उन्हें पूल कारों और स्कूल बसों के सुचारू संचालन को बस मालिकों से वाहन के सभी दस्तावेज संग्रह करने के साथ ही उन्हें सड़क सुरक्षा कानून के बाबत जागरूक करने की भी सलाह दी है। साथ ही स्कूली बच्चों के परिवहन सेवा में लगे बसों की स्थिति जांचने को भी कहा गया है। इसके अलावा आवश्यक मंजूरी को मोटर व्हीकल कार्यालय से संपर्क की नसीहत दी गई है, ताकि वाहन की स्थिति के साथ ही चालक के बारे में भी विस्तारित जानकारी प्राप्त हो सके। पत्र में आगे कहा गया है कि पूल कार और स्कूल बस ऑपरेटर वाहन में स्पीड लिमिटिंग डिवाइस लगाने की व्यवस्था करें, ताकि बस की गति को अधिकतम 60 किलोमीटर प्रति घटे तक नियंत्रित किया जा सके। इसकी निगरानी को वाहनों में जीपीएस प्रणाली के इस्तेमाल को कहा गया है।

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