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नामांकन वापसी से पहले सूबे में पहुंच जाएगा केंद्रीय बल

राज्य ब्यूरो कोलकाता कालियागंज खड़गपुर सदर और करीमपुर विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव के ि

By JagranEdited By: Published: Fri, 08 Nov 2019 12:38 PM (IST)Updated: Fri, 08 Nov 2019 12:38 PM (IST)
नामांकन वापसी से पहले सूबे में पहुंच जाएगा केंद्रीय बल
नामांकन वापसी से पहले सूबे में पहुंच जाएगा केंद्रीय बल

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : कालियागंज, खड़गपुर सदर और करीमपुर विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव के लिए तय नामाकन वापसी तिथि से पहले इलाके में केंद्रीय बल के जवान पहुंच जाएंगे। तीनों विधानसभा क्षेत्रों के उप-चुनाव के लिए नामाकन दाखिल करने का आखिरी दिन बुधवार को था। गुरुवार को सभी नामांकन पत्रों की जांच हुई। नामाकन पत्र वापस लेने का अंतिम दिन आगामी सोमवार है। आयोग सूत्रों की मानें तो 10 से अधिक केंद्रीय बल की कंपनियां, इससे पहले इलाकों में पहुंच जाएगी। तीनों विधानसभा में उपचुनाव के लिए 25 नवंबर को मतदान होना है।

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801 मतदान केंद्रों पर डालें जाएंगे वोट

कलियागंज और खड़गपुर मुख्यालय में 270 बूथ हैं जबकि करीमपुर में 261 बूथ हैं। तीनों विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर कुल 801 बूथों पर मतदान होगा। हालाकि, सूत्रों की मानें तो सभी बूथों में केंद्रीय बलों की उपस्थिति की संभावना बहुत कम है। जम्मू और कश्मीर की मौजूदा स्थिति के कारण वहां भारी संख्या में केंद्रीय बल के जवान तैनात हैं। वहीं, 30 नवंबर को झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए केंद्रीय बलों की जरूरत है।

सूत्रों के अनुसार जिन बूथों पर केंद्रीय बल नहीं होंगे वहां राज्य सशस्त्र पुलिस के जवान तैनात रहेंगे।

फिलहाल आयोग इस पर स्पष्ट कुछ कहने को तैयार नहीं, लेकिन आयोग के एक अधिकारी की मानें तो उपचुनाव हो या या पूर्ण, सभी चुनाव समान रूप से महत्वपूर्ण हैं। शातिपूर्ण चुनाव कराने के लिए आयोग सभी आवश्यक कदम उठाएगा।

कलियागंज के 270 बूथों में से 121 बूथ एकल परिसर (एकल परिसर) में हैं। करीमपुर में संख्या बहुत कम है। खड़गपुर सदर यह 40 से कम है। प्रशासनिक अधिकारियों की मानें तो जिस विधानसभा या लोकसभा में एकल परिसर होता है, वहां गड़बड़ी की आशंका अधिक होती है। उत्तर दिनाजपुर के चुनावों में उथल-पुथल का पुराना इतिहास रहा है। भौगोलिक स्थिति के कारण कालियागंज में गड़बड़ी फैला कर वापस चले जाना बहुत आसान है। लगभग यही स्थिति बांग्लादेशी सीमा से सटे करीमपुर की भी है। हालाकि यह विधानसभा क्षेत्र नदिया में पड़ा है, लेकिन यहां मुर्शिदाबाद का प्रभाव अधिक है। इस वजह से आयोग इन दो विधानसभा क्षेत्रों को खड़गपुर सदर की अपेक्षा अधिक संवेदनशील मान रहा है। खड़गपुर सदर में हिंसा की घटनाओं की संख्या बेहद कम है। आयोग ने स्पष्ट कर दिया है , परिस्थितियों के अनुसार फैसले लिए जाएंगे। इस बीत तीनों विधानसभा क्षेत्र म चुनाव आयोग के पर्यवेक्षक पहुंच चुके हैं।


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