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राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ममता सरकार पर लगाया गंभीर आरोप-पूजा कार्निवल में किया मेरा अपमान

राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ममता सरकार पर लगाया गंभीर आरोप फिर सामने आई राज्यपाल और ममता सरकार के बीच की कड़वाहट

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 16 Oct 2019 11:10 AM (IST)Updated: Wed, 16 Oct 2019 12:27 PM (IST)
राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ममता सरकार पर लगाया गंभीर आरोप-पूजा कार्निवल में किया मेरा अपमान
राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ममता सरकार पर लगाया गंभीर आरोप-पूजा कार्निवल में किया मेरा अपमान

कोलकाता, जागरण संवाददाता। राज्यपाल जगदीप धनखड़ और ममता सरकार के बीच की कड़वाहट एक बार फिर उभरकर सामने आ गई। राज्यपाल ने मंगलवार को गंभीर आरोप लगाते हुए कहा-'पूजा कार्निवल में मुझे बुलाकर मेरा अपमान किया गया। मैं चार घंटे तक वहां मौजूद था लेकिन मुझे कहीं नहीं दिखाया गया। मेरे नाम तक का उल्लेख नहीं किया गया। मुझे ब्लैक आउट करके रखा गया। इससे मुझे काफी अपमान का बोध हुआ। मेरी आंखों में आंसू आने जैसी हालत हो गई थी। मैं तीन दिन तक इसे लेकर चिंतन करता रहा। मेरे और मुख्यमंत्री के लिए अलग मंच का निर्माण किया गया था।'

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राज्यपाल ने आगे कहा-'मेरे शपथ लेने वाले दिन ही मुख्यमंत्री ने मुझे कार्निवल के लिए आमंत्रित किया था। बाद में भी जब वे मुझसे मिलीं तो मुझे इसकी याद दिलाती रहीं लेकिन कार्निवल के दिन कुछ सेंकेंड के लिए भी वे मेरा स्वागत करने नहीं पहुंची और जब मैं निकल रहा था, तब किसी तरह विदाई देने पहुंचीं। राज्य का प्रथम नागरिक होने के नाते यह मेरा ही नहीं बल्कि बंगाल के प्रत्येक नागरिक का अपमान है। इस घटना ने मुझे इमरजेंसी की याद दिला दी।'

राज्यपाल ने कहा-कोई भी चीज मेरे संवैधानिक कर्तव्यों को निभाने में आड़े नहीं आ सकती।' सूत्रों के मुताबिक कानिर्वल में अपने बैठने की व्यवस्था से धनखड़ खुश नहीं थे। राज्यपाल को मंच पर किनारे की सीट दी गई थी। इस वजह से वे कार्यक्रम ठीक तरह से नहीं देख पा रहे थे।

पहले भी उभरा है विवाद

इससे पहले जादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) में केंद्रीय राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो को कुछ वामपंथी छात्रों द्वारा रोककर रखे जाने को लेकर ममता सरकार और राज्यपाल के बीच विवाद सामने आया था। राज्यपाल खुद बाबुल को लाने विवि पहुंचे थे, जिसपर तृणमूल कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति जाहिर की थी। तब राज्यपाल ने कहा था कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि तृणमूल के महासचिव तथा राज्य के मंत्री पार्थ चटर्जी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि राज्यपाल ने राज्य सरकार को इस बाबत सूचना नहीं दी और विवि जाने से पहले सरकार को विश्वास में नहीं लिया। उनका यह बयान तथ्यात्मक रूप से सही नहीं है। मुर्शिदाबाद के जियागंज में हुए तिहरे हत्याकांड पर राज्यपाल के बयान पर भी तृणमूल ने कड़ी आपत्ति जाहिर की थी।

मीडिया में प्रचार नहीं मिलना नाराजगी की वजह : तृणमूल

दूसरी ओर तृणमूल ने राज्यपाल के आरोप को खारिज कर दिया गया है। पार्टी के मुख्य सचेतक तापस राय ने कहा कि राज्यपाल मीडिया में प्रचार नहीं मिलने से नाराज हैं इसलिए ऐसा आरोप लगा रहे हैं। पूजा कार्निवल के दौरान मीडिया के कैमरे मुख्यमंत्री के मंच को फोकस कर रहे थे। महज कार्निवल में प्रचार नहीं मिलने के कारण राज्यपाल का राज्य में इमरजेंसी जैसे हालात कहना दुर्भाग्यजनक है। उन्हें सम्मान देने के लिए ही उनके लिए अलग से मंच बनाया गया था।

भाजपा ने किया राज्यपाल के बयान का समर्थन

राज्यपाल के बंगाल में इमरजेंसी जैसे हालात वाले बयान का समर्थन करते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि वे जो कह रहे हैं, सही कह रहे हैं। उन्होंने जो देखा है, वही बोल रहे हैं। राज्यपाल को बुलाकर उन्हें अलग बिठाकर रखा गया, जिससे वे ठीक से कार्निवल को देख भी नहीं सके। लोगों की नजर से दूर रखने के लिए ही उन्हें अलग से बिठाया गया था। जाहिर है कि वे आंखों से देखते हैं न कि कानों से। संवैधानिक प्रधान की सरकार द्वारा ऐसी उपेक्षा निंदनीय है।


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