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ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन से बढ़े हैं सड़क हादसे

बंगाल में ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन से होने वाले सड़क हादसे बढ़े हैं फिर भी केंद्र सरकार के नए ट्रैफिक नियमों को लागू करने को बंगाल सरकार राजी नहीं है। इसके पीछे भारी-भरकम जुर्माने का हवाला दिया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 22 Sep 2019 09:00 AM (IST)Updated: Sun, 22 Sep 2019 09:00 AM (IST)
ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन से बढ़े हैं सड़क हादसे
ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन से बढ़े हैं सड़क हादसे

ओमप्रकाश सिंह, हावड़ा : बंगाल में ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन से होने वाले सड़क हादसे बढ़े हैं, फिर भी केंद्र सरकार के नए ट्रैफिक नियमों को लागू करने को बंगाल सरकार राजी नहीं है। इसके पीछे भारी-भरकम जुर्माने का हवाला दिया जा रहा है। बिना हेलमेट पहने बाइक चलाना, बाइक पर तीन लोगों को बिठाकर चलाना, बाइक चलाते समय मोबाइल पर बात करना, नशे की हालत में गाड़ी चलाना, नींद की हालत में गाड़ी चलाना, अत्यधिक रफ्तार में गाड़ी चलाना, नो इंट्री में प्रवेश करना, ट्रैफिक सिग्नल का उल्लंघन करना और बिना बेल्ट लगाए कार चलाने से ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन हो रहा है। जुर्माना राशि कम होने के कारण लापरवाह चालक मोटर वाहन कानून का उल्लंघन करने से बाज नहीं आते। अगर नया मोटर वाहन कानून लागू हो जाता तो उनके लिए ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन कर पाना आसान नहीं होता। नए कानून के तहत जुर्माना राशि इतनी भारी-भरकम है कि किसी भी चालक को ट्रैफिक नियमों को तोड़ने से पहले 10 बार सोचने पर मजबूर होना पड़ता। ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन व उससे हुए हादसे का दास्तां बंगाल के डीआइजी (ट्रैफिक) के आंकड़े में मौजूद हैं। बंगाल में जनवरी, 2015 से जून, 2019 तक ट्रैफिक उल्लंघन के कारण काफी अधिक हादसे हुए हैं और हादसों में हजारों लोगों की जान गई है। उक्त अवधि के दौरान बंगाल में 53,238 हादसे हुए हैं। इन हादसों में 26,531 लोगों की मौत हुई जबकि 48,328 लोग घायल हुए हैं। विभिन्न जिलों में हुई सड़क दुर्घटनाओं में 10,801 गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गईं। यात्री वाहनों के अलावा पुलिस की 96 गाड़ियां भी हादसे की शिकार हो गई हैं। सड़क हादसों में 158 पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। पुराने मोटर वाहन कानून के तहत लगने वाले जुर्माने को चालक नगण्य समझ रहे हैं। पूरे बंगाल की बात छोड़ दें और सिर्फ कोलकाता की बात करें तो यहां भी ट्रैफिक नियमों की धज्जियां उड़ रही हकं। आलम यह यह है कि जुर्माना देने वाले वाहन चालकों की संख्या हजारों से लेकर लाखों तक पहुंच गई है। पिछले पांच वर्षों (2015 से जून 2019 तक) में कोलकाता में टैक्सी चालकों से 31,73,525 रुपये, कार चालकों से 27,45,151 रुपये, बाइक चालकों से 18,40,148 रुपये, बस चालकों से 1,39,43,206 रुपये और मालवाही वाहन चालकों से 19,57,735 रुपये बतौर जुर्माना वसूला गया है लेकिन कम जुर्माना होने के कारण कुछ चालक इसे देने के अभ्यस्त हो गए हैं। सबसे चौकाने वाली बात यह है कि मोबाइल फोन पर बात करने वाले चालकों से बतौर जुर्माना 100 रुपये वसूला जाता है, जिसे वे आसानी से देकर निकल जाते हैं लेकिन नए मोटर वाहन कानून के अनुसार मोबाइल फोन पर बात करने वाले चालकों से 5000 और इससे भी अधिक जुर्माना वसूला जा सकता है। आज राज्य में हादसों को रोकने व लापरवाह लोगों को ट्रैफिक नियम तोड़ने से रोकने के लिए नए मोटर वाहन कानून को लागू करने की जरुरत है क्योंकि पूरे कोलकाता में 2016 से लेकर जून 2019 तक 85 हजार बाइक चालकों को मोबाइल फोन पर बात करते पकड़कर 100 रुपये का जुर्माना लगाया गया है जबकि बिना हेलमेट के बाइक चलाने वाले 4 लाख 46 हजार 800 चालकों को पकड़कर उनसे सौ रुपये का जुर्माना वसूला गया है। इन नियमों के उल्लंघन के दौरान कई चालकों व लोगों की जान भी गई है। जिस राज्य व महानगर में इतनी बड़ी संख्या में ट्रैफिक कानून को तोड़ा जा रहा है, वहां भारी भरकम जुर्माने वाले नियम को ही लागू करना उचित है।

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