24 हवाई अड्डों का होगा आधुनिकीकरण, मिलेंगी खास सुविधाएं; केंद्र सरकार ने बनाई ऐसी योजना
केंद्र सरकार ने हवाई अड्डों के आधुनिकीकरण के लिए खास योजना बनाई है जल्द ही कोलकाता एयरपोर्ट पर काम भी शुरु हो जाएगा।
कोलकाता, जेएनएन। केंद्र सरकार ने देश के 24 हवाई अड्डों के आधुनिकीकरण के लिए अगले तीन साल में 19 हजार करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बनाई है। इसमें कोलकाता का नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय (एनएससीबीआइ) हवाई अड्डा भी शामिल है। सूत्रों ने बताया कि विमानों की उड़ान व यात्रियों के बढ़ते दबाव को देखते हुए इसके विस्तार और आधारभूत ढांचों को उन्नत करने का प्रस्ताव एयरपोर्ट ऑथोरिटी को जनवरी में ही दे दिया गया था। उक्त प्रस्ताव को अब केंद्र ने हरी झंडी दे दी है। जल्द ही कोलकाता एयरपोर्ट के विस्तारीकरण और सौंदर्यीकरण का काम शुरू भी हो जाएगा। रन-वे और टर्मिनल की क्षमता बढ़ाने के साथ ही आधुनिकीकरण के लिहाज से कई अन्य काम की भी शुरुआत होगी।
केंद्र की योजना है कि कोलकाता एयरपोर्ट पर मौजूद एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) टावर और पुराने डोमेस्टिक टर्मिनल को पूरी तरह तोड़ दिया जाएगा। उसके स्थान पर आधुनिक उपकरणों से लैस नया व उन्नत क्षमता वाले टावर और हाईटेक यात्री टर्मिनल का निर्माण होगा। वर्तमान में कोलकाता एयरपोर्ट पर 18 एरोब्रिज है। वहां और 30 एरोब्रिज का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा एटीसी पार्किंग रे की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। वर्तमान में वहां 51 एटीसी पार्किंग रे है।
साल 2020 तक 20 और एटीसी पार्किंग रे बनाने का फैसला किया गया है। इसी कड़ी में कैखाली से एयरपोर्ट को जोड़ने वाली सड़क के चौड़ीकरण करने का भी योजना है। भविष्य में वहां प्रस्तावित फ्लाईओवर को न्यू गड़िया-एयरपोर्ट मेट्रो के साथ टर्मिनल को जोड़ दिया जाएगा। एयरपोर्ट अधिकारियों का मानना है कि अगले तीन वर्षों में कोलकाता एयरपोर्ट पहुंचने वाले यात्रियों की संख्या तीन करोड़ पहुंच जाएगी।
इसे ध्यान में रखते हुए ही एयरपोर्ट विस्तारीकरण का काम होगा। साल 2018 में भी यात्रियों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए ही निर्माण कार्य हुए थे। उसी हिसाब से इस बार भी पांच करोड़ यात्रियों की संख्या को ध्यान में रखते हुए नए टर्मिनल का निर्माण होगा। कोलकाता एयरपोर्ट से विमानों के उड़ानों की संख्या में भी तेजी से इजाफा हो रहा है। वर्ष 2017-18 में कोलकाता से करीब डेढ़ लाख विमानों ने उड़ान भरी थी। पर उसके लिहाज से पार्किंग रे की संख्या नहीं बढ़ाई जा सकी।
कई विमानन कंपनियां रात में कोलकाता एयरपोर्ट पर विमान पार्क कर सुबह उड़ान भरना चाहती हैं, लेकिन पार्किंग रे की कमी के कारण ऐसा संभव नहीं हो पाता है। अधिकारियों सूत्रों की मानें तो प्रथम चरण में 300 करोड़ रुपये खर्च कर टैक्सी-वे के विस्तार, 20 पार्किंग रे और कुछ निकासी द्वार का काम होगा। वहीं, साल 2023 तक नए टर्मिंनल का काम भी पूरा कर लिया जाएगा।
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