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पश्चिम बंगाल: पीली टैक्सी चालकों का 48 घंटे चक्का जाम शुरू, सड़कों से नदारद ऐप कैब

Taxi driver strike किराया वृद्धि समेत अन्य सात सूत्री मांगों को लेकर पश्चिम बंगाल टैक्सी वर्कर फेडरेशन ने आज से 48 घंटे की टैक्सी हड़ताल का आह्वान किया।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 06 Aug 2019 12:38 PM (IST)Updated: Tue, 06 Aug 2019 12:38 PM (IST)
पश्चिम बंगाल: पीली टैक्सी चालकों का 48 घंटे चक्का जाम शुरू, सड़कों से नदारद ऐप कैब
पश्चिम बंगाल: पीली टैक्सी चालकों का 48 घंटे चक्का जाम शुरू, सड़कों से नदारद ऐप कैब

कोलकाता, जागरण संवाददाता। केंद्र के नए परिवहन नियम व आए दिन बढ़ रहे पुलिसिया अत्याचार के विरोध में वाम समर्थित श्रमिक संगठन सीटू के आह्वान पर मंगलवार को ऐप कैब चालकों ने सेवा ठप कर विरोध प्रदर्शन किया। इस हड़ताल में करीब 12 हजार से अधिक ओला-उबर समेत अन्य ऐप आधारित कैब चालक शामिल हुए। सीटू संचालित ओला-उबर ऐप कैब संचालक व ड्राइवर यूनियन के अध्यक्ष इंद्रजीत घोष ने कहा कि लगातार बढ़ रहे पुलिसिया अत्याचार से हम खासा परेशान हैं, क्योंकि बिना कारण बताए जुर्माना और चालकों के आइडी रद किए जाने से भुखमरी जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं।  

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किराया वृद्धि समेत अन्य सात सूत्री मांगों को लेकर पश्चिम बंगाल टैक्सी वर्कर फेडरेशन ने आज से 48 घंटे की टैक्सी हड़ताल का आह्वान किया। इस हड़ताल में करीब 20 हजार से अधिक टैक्सी चालक सेवा ठप कर अपना विरोध जाहिर किया। वहीं मांग की गई है कि टैक्सी चालक की मृत्यु होने पर सरकार को उसके परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने के साथ ही त्वरित सहायता के रूप में उन्हें पांच लाख रुपये देनी होगी। इधर, वाम श्रमिक संगठन सीटू ने भी इनके इस हड़ताल को नैतिक समर्थन दिया।

जानकारी के मुताबिक केंद्र के नए परिवहन नियम व आए दिन बढ़ रहे पुलिसिया अत्याचार के विरोध में वाम समर्थित श्रमिक संगठन सीटू के आह्वान पर मंगलवार को ऐप कैब चालकों ने सेवा ठप कर विरोध प्रदर्शन का निर्णय लिया है।

मिली जानकारी के मुताबिक इस हड़ताल में करीब 12 हजार से अधिक ओला-उबर समेत अन्य ऐप आधारित कैब चालक शामिल होंगे। सीटू संचालित ओला-उबर ऐप कैब संचालक व ड्राइवर यूनियन के अध्यक्ष इंद्रजीत घोष ने कहा कि लगातार बढ़ रहे पुलिसिया अत्याचार से हम खासा परेशान हैं, क्योंकि बिना कारण बताए जुर्माना और चालकों के आइडी रद किए जाने से भुखमरी जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं। साथ ही पहले कैब कंपनियों से 25 फीसद बतौर कमीशन मिला करता था, जिसे कम कर के 15 फीसद कर दिया गया है। ऐसे में दोहरी मार झेल रहे वाहन मालिक व चालक खासा परेशान हैं।

उन्होंने कहा कि अगर चालक किसी प्रकार की गलती या दु‌र्व्यवहार करता है तो उसके खिलाफ एक्शन लिया जाता है, लेकिन कई बार परिस्थिति उलट होती है और यात्री द्वारा की जाने वाली गलतियों पर कोई संज्ञान भी नहीं लेता। इतना ही नहीं ज्यादातर मामलों में कंपनियों द्वारा चालकों के आइडी को ब्लॉक कर दिया जाता है। उनकी कोई नहीं सुनता, जो पूरी तरह से गैर जायज रवैया है।

उन्होंने कहा कि मंगलवार को सियालदह से एक जुलूस निकाला जाएगा, इसके तहत ट्रैफिक गार्ड कार्यालय में मौजूद अधिकारी को ज्ञापन सौंपा जाएगा। हालांकि इससे पहले बीते एक व दो जुलाई को ऐप कैब मालिकों द्वारा बंद का आह्वान किया गया था। 

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