मेट्रो में घटना की विस्तृत व सटीक जांच होगी : सीआरएस
-सीआरएस ने पार्क स्ट्रीट स्टेशन में घटनास्थल का किया निरीक्षण -टालीगंज पहुंचकर मेधा रैक
-सीआरएस ने पार्क स्ट्रीट स्टेशन में घटनास्थल का किया निरीक्षण
-टालीगंज पहुंचकर मेधा रैक की जांच की, मेट्रो अफसरों से भी की वार्ता
-सीआरएस के सुझाव पर द्वितीय मेधा रैक के संचालन पर लगी रोक, मोटरमैन के केबिन के बाहर लगेंगे कांवेक्स मिरर
जागरण संवाददाता, कोलकाता : कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी शैलेश गर्ग ने पार्क स्ट्रीट मेट्रो स्टेशन पहुंचकर घटनास्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने टलीगंज पहुंचकर हादसे का सबब बने अत्याधुनिक नए मेधा रैक की भी जांच की। सीआरएस ने मेट्रो अफसरों से भी वार्ता कर घटना के बाबत जानकारी ली। साथ ही यात्री सुरक्षा से जुड़े कुछ सुझाव भी दिए। बता दें कि गत शनिवार को पार्क स्ट्रीट मेट्रो स्टेशन में नए मेधा रैक के दरवाजे में फंसकर सजल कांजीलाल नामक यात्री की मौत हो गई थी। रेलवे बोर्ड ने घटना की सीआरएस जांच के आदेश दिए थे। सोमवार को कोलकाता पहुंचे कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी ने सबसे पहले मेट्रो भवन में अफसरों के साथ वार्ता कर घटना के बाबत जानकारी हासिल की। इसके बाद पार्क स्ट्रीट स्टेशन पहुंचकर घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया। उन्होंने स्टेशन मास्टर से भी पूछताछ की। घटना वाले दिन प्लेटफार्म में कितनी भीड़ थी, सुरक्षा में तैनात आरपीएफ कर्मियों की भूमिका क्या थी आदि बिंदुओं से संबंधित तथ्य एकत्र किए। इसके बाद टालीगंज पहुंचकर सीआरएस ने हादसे का सबब बने अत्याधुनिक नए मेधा रैक की भी जांच की। घटना के वक्त रैक में कोई यांत्रिक त्रुटि तो नहीं थी इसकी भी जांच की। उन्होंने मोटरमैन के केबिन में चढ़कर तकनीकी चीजों को देखा। साथ ही कोच में पहुंचकर टॉक बैक व्यवस्था को भी परखा। रैक से नमूने भी एकत्र किए गए।
इस अवसर पर सीआरएस ने बताया कि घटना की विस्तृत और निष्पक्ष जांच की जाएगी। एक सप्ताह में जांच रिपोर्ट सौंप दी जाएगी। रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद ही आगे का निर्णय लिया जाएगा। इस मामले में प्रत्यक्षदर्शियों से भी पूछताछ की जाएगी। इसके बाद सीआरएस ने एक बार फिर मेट्रो भवन पहुंचकर अधिकारियों के साथ बातचीत की। उन्होने घटना के समय का सीसीटीवी फुटेज भी देखा जिसमें पता चला कि पार्क स्ट्रीट स्टेशन से रवाना होने के बाद मेट्रो रैक की गति धीमी हुई थी मगर बाद में मोटरमैन ने गति बढ़ा दी थी। लेकिन जब मोटरमैन को किसी खतरे का एहसास हुआ तो टनल में आपातकालीन ब्रेक लगा दिए थे जिससे दरवाजे पर फंसा यात्री थर्ड लाइन पर जा गिरा और विद्युत की चपेट में आकर उसकी मौत हो गई थी। सीआरएस ने मेट्रो में यात्री सुरक्षा को लेकर कई सुझाव भी दिए। उधर, आइसीएफ चेन्नई से पहुंचे इंजीनियरों की टीम ने मेधा कोच की जांच की। साथ ही उसमें लगे डेटा रिकार्ड को भी जांच के लिए कब्जे में ले लिया। आइसीएफ इंजीनियरों ने सीआरएस से भी चर्चा की। उधर, मेट्रो सूत्रों के अनुसार सीआरएस के सुझाव पर दूसरे मेधा रैक का संचालन अब नहीं किया जाएगा। इसके अलावा वाहनों की तरह अब मेट्रो रैक में मोटरमैन केबिन के बाहर कांवेक्स मिरर लगाए जाएंगे। ताकि ट्रेन में चढ़ते वक्त मोटरमैन को यात्रियों की गतिविधि नजर आ सके। दरवाजे पर कोई यात्री फंस तो नहीं गया यह भी देखा जा सके।