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भूखे-प्यासे पांच दिन समुद्र में तैर कर मछुआरे ने खुद बचाई जान

fishrman. समुद्र में लापता हुए 31 मछुआरों में से एक और को बरामद कर लिया गया। रवींद्रनाथ ने पांच दिनों तक भूखे-प्यासे समुद्र में तैर कर अपनी जान बचाई।

By Edited By: Published: Thu, 11 Jul 2019 07:53 PM (IST)Updated: Fri, 12 Jul 2019 04:35 PM (IST)
भूखे-प्यासे पांच दिन समुद्र में  तैर कर मछुआरे ने खुद बचाई जान
भूखे-प्यासे पांच दिन समुद्र में तैर कर मछुआरे ने खुद बचाई जान

जासं, काकद्वीप/कोलकाता। तूफान की चेतावनी के बावजूद विगत चार जुलाई को बंगाल की खाड़ी में गहरे समुद्र में जाकर लापता हुए 31 मछुआरों में से एक और को बुधवार को बरामद कर लिया गया। उसका नाम रवींद्रनाथ दास है। उसे बांग्लादेश के चंट्टगांव अस्पताल में भर्ती कराया गया है। रवींद्रनाथ ने बताया कि वह पांच दिनों तक बिना लाइफ जैकेट के भूखे-प्यासे गहरे समुद्र में तैर कर खुद अपनी जान बचाई है।

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बांग्लादेश सीमा क्षेत्र में बुधवार सुबह 11 बजे समुद्र से गुजर रहे एक जहाज में सवार लोगों की नजर पड़ी, तो रवींद्रनाथ को बचाया गया। इसकी जानकारी मछुआरों से संगठन और राज्य के मंत्री मंटूराम पाखीरा ने गुरुवार को दी। हालांकि अभी भी 24 मछुआरों को पता नहीं चल पाया है। वेस्ट बंगाल युनाइटेड फिशरमेन एसोसिएशन के सचिव बिजोन माइती ने बताया कि लापता मछुआरे दक्षिण 24 परगना जिले के काकद्वीप के रहने वाले हैं। इंग्लिस चैनल विजेता तैराक बुला चौधरी ने रवींद्रनाथ की बरामदगी को चमत्कार बताया है।

उन्होंने बताया कि जब वह इंग्लिश चैनल पार करने के लिए तैरती हैं, तो उनकी मदद के लिए सभी सुविधाओं से लैस एक जहाज पीछे-पीछे चलता है। खाने-पीने को दिया जाता है। लेकिन रवींद्रनाथ बिना खाए-पीए पांच दिनों तक समुद्र में तैरता रहा यह किसी चमत्कार से कम नहीं है। उसने असंभव को संभव कर दिखाया है। उन पर भगवान की अपार कृपा है। मैं रवींद्रनाथ को सैलूट करती हूं।

गौरतलब हो कि प्रशासन की ओर से दो महीने तक मछुआरों को समुद्र में जाने से मना किया गया था। बावजूद इसके विगत चार जुलाई को चार ट्रॉलर एफबी दसभुजा, एफबी बाबाजी, एफबी जय जोगीराज और एफबी नयन में सवार कुल 61 मछुआरों का एक दल बंगाल की खाड़ी में मछली पकड़ने रवाना हुआ था। लेकिन खराब मौसम के चलते ट्रॉलर समुद्र में ही पलट गए थे। पर उनमें से 36 मछुआरों को बचा लिया गया है जबकि 25 लापता थे, जिसमें से एक और को बचा लिया गया हैं।

भारतीय तटरक्षक बल ने चारों ट्रालरों के बांग्लादेश के जलक्षेत्र में डूब जाने की आशंका जाहिर की थी। एक रक्षा अधिकारी ने बताया कि एक अन्य ट्रालर पर सवार 13 मछुआरों को गत शनिवार को भारत और बाग्लादेश के तटरक्षकों बलों के संयुक्त अभियान में बचाया गया। उस ट्रालर में तकनीकी खराबी आ गई थी और वह खराब मौसम के चलते बाग्लादेश की समुद्री सीमा में चला गया था। माइती ने कहा कि दसभुजा के छह मछुआरों को बाग्लादेश के हरिभंगा टापू के मछुआरों ने बचाया। उन्हें सोमवार सुबह काकद्वीप लाया गया। वैसे तो दसभुजा, जय जोगीराज और बाबाजी के डूब जाने की आशका है लेकिन जय जोगीराज और बाबाजी के 15 -15 मछुआरों को बचा लिया गया है।

माइती ने कहा कि एफबी नयन का अब तक पता नहीं चल पाया है। उस पर 16 मछुआरे सवार हैं। दसभुजा के नौ मछुआरे भी लापता हैं। फिशरमेन एसोसिएशन से लापता हुए मछुआरों के बारे में सूचना मिलने के बाद सुंदरवन विकास मंत्री मंटुराम पाखिरा ने दक्षिण 24 परगना जिला प्रशासन से बचाव एवं राहत अभियान चलाने को कहा था। इस बीच भारतीय तटरक्षक बल बांग्लादेश तटरक्षक बल के साथ संयुक्त अभियान चलाकर 114 भारतीय फिशिंग बोट को हरिभांगा नदी के रास्ते भारतीय सीमा में सुरक्षित तरीके से लेकर आया है।


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