न्यूटाउन प्रचलित नाम, इसलिए नहीं किया गया ज्योति बसु नगर : फिरहाद
-ज्योति बसु शोध केंद्र के लिए जमीन की मिली अनुमति जागरण संवाददाता कोलकाता न्यूटाउन का नाम
-ज्योति बसु शोध केंद्र के लिए जमीन की मिली अनुमति
जागरण संवाददाता, कोलकाता : न्यूटाउन का नाम परिवर्तित कर ज्योति बसु नगर करने की मांग वाममोर्चा की काफी लंबे समय से रही है लेकिन फिलहाल इसकी गुंजाइश नजर नहीं आ रही। सोमवार को विधानसभा में इस बाबत माकपा विधायक दल के नेता सुजन चक्रवर्ती के सवाल का जवाब देते हुए शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा कि न्यूटाउन नाम काफी प्रचलित है ऐसे में नाम परिवर्तित कर ज्योति बसु नगर करना संभव नहीं है।
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु की 105वीं जयंती पर वामो के सवाल का जवाब देते हुए फिरहाद ने कहा कि न्यूटाउन लोगों के बीच काफी प्रसिद्ध है ऐसे में नाम परिवर्तन करना संभव नहीं है। हालांकि फिरहाद ने कहा कि वाममोर्चा की मांग को मानेत हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ज्योति बसु शोध केंद्र के लिए जमीन उपलब्ध कराने की अनुमति दे दी है।
उल्लेखनीय है कि माकपा न्यू टाउन का नाम ज्योति बसु नगर का निर्माण करना चाहती थी। वाममोर्चा सरकार की कैबिनेट ने ज्योति बसु नगर का नाम करने के लिए फैसला भी ले लिया था। बिल विधानसभा में पास करा कर राज्यपाल के पास भेजा गया था। इसी बीच सरकार बदल गई और तत्कालीन राज्यपाल एमके नारायणन ने बिल की समीक्षा करने के लिए वापस राज्य सरकार के पास भेजा। ममता बनर्जी ने उक्त बिल से ज्योति बसु नगर का नाम हटा दिया था।
..............
विधानसभा में ज्योति बसु को दी गई श्रद्धांजलि
105वीं जयंती पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु को श्रद्धांजलि दी गई। सोमवार को विधानसभा में विधायकों ने बसु की तस्वीर पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित की। इस दिन माकपा विधायक दल के नेता सुजन चक्रवर्ती ने बसु के योगदानों को याद किया। इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी व तृणमूल प्रमुख ने ट्वीट कर ज्योतिबसु को जयंती पर याद किया। बता दें कि कम्युनिस्ट राजनीति के पितामह कहे जाने वाले ज्योति बसु का जन्म 1914 में हुआ था। उनके नाम किसी राज्य के मुख्यमंत्री पद पर सर्वाधिक लंबे समय तक आसीन रहने का अनोखा रिकार्ड रहा, जो उनकी लोकप्रियता का प्रमाण है।