विस में उठा मदरसों का आतंकियों के इस्तेमाल किए जाने का मुद्दा
-तृणमूल के साथ विपक्षी कांग्रेस व वामो ने गृह मंत्री के बयान की आलोचना की -पार्थ चटर्जी ने कें
-तृणमूल के साथ विपक्षी कांग्रेस व वामो ने गृह मंत्री के बयान की आलोचना की
-पार्थ चटर्जी ने केंद्र सरकार के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव लाने का किया अनुरोध
-गृह मंत्री ने बर्द्धमान व मुर्शिदाबाद के कई मदरसों में जेएमबी के आतंकियों के सक्रिय होने की कही थी बात
जागरण संवाददाता, कोलकाता : पश्चिम बंगाल के मदरसों का आतंकियों द्वारा उपयोग किए जाने के केंद्रीय गृह मंत्रालय के दावे का मुद्दा बुधवार को बंगाल विधानसभा में उठा। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के साथ कांग्रेस व वाममोर्चा ने एक स्वर में इस दावे की मज्जमत की और विधानसभा में साझा प्रस्ताव लाने को लेकर चर्चा हुई। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व वरिष्ठ कांग्रेस नेता अब्दुल मन्नान, माकपा विधायक दल के नेता सुजन चक्रवर्ती के साथ तृणमूल के पार्थ चटर्जी ने भाजपा पर हमला बोला और राजनीतिक उद्देश्य से एक संप्रदाय विशेष को निशाना बनाए जाने का आरोप लगाया।
यहां बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में बयान दिया था कि पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद और बर्द्धमान के कई मदरसों में बाग्लादेश के प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जमात उल मुजाहिदीन बाग्लादेश (जेएमबी) के आतंकी सक्रिय है। मंत्रालय की एक रिपोर्ट के हवाले से कहा गया कि बर्द्धमान और मुर्शिदाबाद में मदरसों का उपयोग करके जमात मुजाहिद्दीन बाग्लादेश (जेएमबी) आतंकियों को भर्ती कर रहा है। जेएमबी को मोदी सरकार ने आतंकी संगठनों की सूची में शामिल किया है।
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राजनीति से प्रेरित है शाह का बयान : मन्नान
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और काग्रेस विधायक अब्दुल मन्नान ने अमित शाह के दावे को निराधार और राजनीति से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा कि 1400 सालों से मदरसों में शिक्षा दी जाती है। अब अचानक मदरसों को आतंकवाद के नाम पर बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। यह राजनीति से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि मदरसों में अनगिनत छात्र पढ़ते हैं। उसमें कई हिंदू शिक्षक भी हैं। केंद्र सरकार के गृह मंत्री जैसे संवैधानिक पद पर बैठे हुए व्यक्ति ने जिस तरह का दावा पश्चिम बंगाल को लेकर संसद में किया है वह असंवैधानिक है। राज्य की सभ्यता और संस्कृति को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। मन्नान ने कहा कि यह सच है कि पश्चिम बंगाल सरकार कई मामलों में विफल है। राज्य सरकार के खिलाफ भी हमारे कई आरोप हैं लेकिन केंद्र सरकार ने जो दावा किया है वह स्वीकार करने योग्य नहीं है।
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भाजपा के रवैए के खिलाफ प्रस्ताव लाने की जरूरत : पार्थ
शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने आरोप को निराधार करार देते हुए इसे लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रस्ताव लाने का अनुरोध किया और भाजपा को छोड़कर अन्य विपक्षी पार्टियों को इस प्रस्ताव का समर्थन करने की अपील की। राज्य के संसदीय कार्य मंत्री चटर्जी ने सदन में कहा कि भाजपा के इस रवैए के खिलाफ प्रस्ताव लाने की जरूरत है। इस बाबत विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी की अनुमति ली जाएगी। उन्होंने कहा कि दरअसल यह बयान राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरित है और एक समुदाय विशेष को निशाना बनाया जा रहा है। इससे पहले मंगलवार को पार्थ चटर्जी ने कहा था कि केंद्र सरकार से जो भी रिपोर्ट मिली है उस पर निश्चित तौर पर राज्य सरकार कार्रवाई करेगी। किसी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा और किसी निर्दोष को भी सजा नहीं मिलेगी लेकिन इस पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए।
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ममता सरकार को बदनाम करने की केंद्र की साजिश : सिद्दिकुल्ला चौधरी
राज्य के ग्रंथागार मंत्री सिद्दिकुल्ला चौधरी ने कहा कि ममता बनर्जी की सरकार को बदनाम करने के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार बेतुका दावे कर रही है। आतंकवाद के नाम पर सभी मदरसों पर सवाल खड़ा करना सही नहीं है। मदरसा में पढ़ने वाला कोई छात्र या कोई भी व्यक्ति अगर आतंकवाद के साथ जुड़ा हुआ है तो यह उसका व्यक्तिगत मामला है। इससे सभी मदरसों को बदनाम नहीं किया जा सकता। सीद्दिकुल्ला ने कहा कि मुझे विश्वास है कि मजहबी भेदभाव के नाम पर केंद्र सरकार और भाजपा के आचरण के खिलाफ अगर राज्य सरकार प्रस्ताव लाएगी तो अन्य विपक्षी पार्टिया भी इसका समर्थन करेंगी। उन्होंने कहा कि 1400 से अधिक सालों से मदरसों में शिक्षा दी जाती है। कोई भी मदरसा कभी भी किसी आतंकवाद में शामिल नहीं होता।
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समुदाय विशेष को बनाया जा रहा निशाना : सुजन
माकपा विधायक दल के नेता सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि केंद्र सरकार राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरित होकर एक समुदाय विशेष को निशाना बना रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में लंबे अरसे से मदरसा चल रहे हैं लेकिन इस तरह की कोई शिकायत नहीं मिली। केंद्रीय गृह मंत्री का उक्त दावा निराधार है जिस पर सदन में बहस को प्रस्ताव लाया जाना चाहिए।