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18 वर्ष में 14 तबादले, सरकारी कर्मचारी ने मांगी इच्छा मृत्यु

-राज्य सरकार के कर्मचारी का आरोप, अनैतिक कार्य का विरोध करने का मिल रही सजा -डीएम व मुख्यमं

By JagranEdited By: Published: Tue, 29 May 2018 07:00 AM (IST)Updated: Tue, 29 May 2018 07:00 AM (IST)
18 वर्ष में 14 तबादले, सरकारी कर्मचारी ने मांगी इच्छा मृत्यु
18 वर्ष में 14 तबादले, सरकारी कर्मचारी ने मांगी इच्छा मृत्यु

-राज्य सरकार के कर्मचारी का आरोप, अनैतिक कार्य का विरोध करने का मिल रही सजा

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-डीएम व मुख्यमंत्री कार्यालय को पत्र लिख कर रखी अपनी मांग

जागरण न्यूज नेटवर्क, कोलकाता: अनैतिक कार्य का विरोध करने पर 18 वर्ष की नौकरी में 14 बार तबादला किया गया। इससे तंग एक सरकारी कर्मचारी ने इच्छा मृत्यु के लिए आवेदन किया है। उक्त कर्मचारी का नाम अरुणाभ बंद्योपाध्याय है जो बीमार बुजुर्ग मा, विधवा बहन और विकलाग भांजे के साथ रहते हैं। वह राज्य सरकार के राहत विभाग के कर्मचारी हैं। बार-बार बदली को मानसिक अत्याचार बताते हुए अरुणाभ ने नौकरी से छुटकारा और इच्छा मौत के लिए आवेदन किया है। उन्होंने यह लिखित आवेदन हुगली जिला मजिस्ट्रेट को सौंपा है।

अरुणाभ हुगली जिले के चुंचुड़ा ओलाइचंडी इलाके के रहने वाले हैं। वह इस समय गोघाट-2 बीडीओ कार्यालय में राहत विभाग में कार्यरत है। 42 वर्षीय अरुणाभ का कहना है कि मेरे 18 साल की नौकरी में 14 बार स्थानातरित किया गया। बीमार मा, विधवा और विकलाग घर में हैं। उन्होंने अपने परिवार को बचाने के लिए शादी भी नहीं की। आरोप है कि जिला अधिकारी के दफ्तर के आर्किटेक्चर विभाग के एक अधिकारी के अनैतिक कार्यो का अरुणाभ ने विरोध किया था। इसी को लेकर उनका बार-बार तबादला किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि गोघाट-2 ब्लॉक में तबादला करने से उन्हें परिवार को देखना संभव नहीं हो रहा है। कुछ दिन पहले तक वे अरामबाग में कार्यरत थे, लेकिन उन्हें उस अधिकारी के इशारे पर फिर से गोघाट-2 बीडीओ कार्यालय में स्थानातरित कर दिया गया। उनका कहना है कि वहां से घर आने-जाने में आठ घंटे लगता है। बीमार मा के इलाज से लेकर पूरे परिवार की देखभाल उनपर है। वह गंभीर मानसिक यातना के साथ नौकरी कर रहे हैं। नियमों के तहत घर निकट तबादले के लिए आवेदन भी किया था लेकिन उसके लिए उनसे दस हजार रुपये रिश्वत मांगी गई, परंतु उन्होंने रिश्वत देने से इन्कार कर दिया। तब से उन्हें नौकरी करने में काफी मानसिक यातनाएं झेलनी पड़ रही है। इससे तंग आकर उन्होंने जिला मजिस्ट्रेट को इस असहनीय स्थिति से छुटकारा पाने के शर्तो के अनुसार या स्वैच्छिक नौकरी छोड़ने या फिर इच्छा मृत्यु की इजाजत की मांग की है। पत्र की कापी मुख्यमंत्री कार्यालय को भी भेजा है।


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