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उद्योग मंत्री का दावा: 13 साल बाद टाटा समूह ने बंगाल में फिर निवेश में दिखाई दिलचस्पी, चल रही है बातचीत

भूमि अधिग्रहण विरोधी आंदोलन के कारण बंगाल से टाटा को नैनो परियोजना को बाहर ले जाने के लिए होना पड़ा था मजबूर उद्योग मंत्री का दावा 13 साल बाद टाटा समूह एक बार फिर राज्य में निवेश के लिए आगे आ सकता है।

By Priti JhaEdited By: Published: Mon, 19 Jul 2021 03:37 PM (IST)Updated: Mon, 19 Jul 2021 04:50 PM (IST)
उद्योग मंत्री का दावा: 13 साल बाद टाटा समूह ने बंगाल में फिर निवेश में दिखाई दिलचस्पी, चल रही है बातचीत
राज्य के उद्योग और आईटी मंत्री पार्थ चटर्जी

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : सिंगुर में भूमि अधिग्रहण विरोधी आंदोलन के कारण बंगाल से अपनी छोटी नैनो कार परियोजना को बाहर ले जाने के लिए मजबूर होने के 13 साल बाद टाटा समूह एक बार फिर राज्य में निवेश के लिए आगे आ सकता है। राज्य के उद्योग और आईटी मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि टाटा के साथ बड़े निवेश के लिए बातचीत चल रही है। उन्होंने कहा कि टाटा समूह ने कोलकाता में अपने कार्यालयों के लिए एक और टाटा सेंटर स्थापित करने में रुचि दिखाई है।

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चटर्जी ने कहा, ‘‘टाटा के साथ हमारी कभी कोई दुश्मनी नहीं थी, न ही हमने उनके खिलाफ लड़ाई लड़ी। वे इस देश के सबसे सम्मानित और सबसे बड़े व्यापारिक घरानों में से एक हैं। आप टाटा को (सिंगुर उपद्रव के लिए) दोष नहीं दे सकते।’’ सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के महासचिव चटर्जी ने एक न्यूज़ एजेंसी को दिए साक्षात्कार में कहा कि समस्या वाममोर्चा सरकार और उसकी जबरन भूमि अधिग्रहण नीति के चलते थी। टाटा समूह का हमेशा बंगाल में आने और निवेश करने के लिए स्वागत है।

'रोजगार सृजन को टीएमसी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता'

उन्होंने रोजगार सृजन को टीएमसी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए कहा कि रोजगार देने की क्षमता के आधार पर कंपनियों को प्रोत्साहन दिया जाएगा।उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी की अगुवाई वाली सरकार चाहती है कि किसी भी प्रमुख औद्योगिक घराने द्वारा जल्द से जल्द दो बड़ी विनिर्माण इकाइयां स्थापित की जाएं।चटर्जी ने कहा कि नमक से इस्पात तक बनाने वाले कारोबारी समूह ने कोलकाता में अपने कार्यालयों के लिए एक और टाटा सेंटर स्थापित करने में रुचि दिखाई है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे यहां पहले ही टाटा मेटालिक्स, टीसीएस के अलावा एक टाटा सेंटर है। लेकिन अगर वे विनिर्माण या अन्य क्षेत्रों में बड़े निवेश के साथ आने के इच्छुक हैं, तो कोई समस्या नहीं है। हमारे आईटी सचिव ने हाल में मुझे बताया था कि उन्होंने यहां टाटा सेंटर स्थापित करने में रुचि दिखाई है।’’

टाटा के साथ संपर्क में राज्य सरकार

यह पूछे जाने पर कि क्या राज्य सरकार टाटा से बात करने के लिए अतिरिक्त कोशिश करेगी, चटर्जी ने कहा कि वह निवेश आकर्षित करने के लिए पहले ही समूह के अधिकारियों के संपर्क में हैं। बता दें कि पूर्ववर्ती वाममोर्चा सरकार द्वारा हुगली जिले के सिंगुर में टाटा के लखटकिया नैनो कार परियोजना के लिए किसानों से किए गए भूमि अधिग्रहण के खिलाफ टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी द्वारा चलाए गए आंदोलन के चलते टाटा को हाथ खींचना पड़ा था और उन्होंने अपनी परियोजना को गुजरात में स्थानांतरित कर लिया था।‌ माना जाता है कि इसी आंदोलन के चलते ममता बनर्जी 2011 में बंगाल की सत्ता पर काबिज हुई और 34 साल लंबे वाममोर्चा शासन का अंत हो गया था।


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