Kolkata Durga Puja 2020: सांप्रदायिक सद्भाव की नजीर हिंदू-मुसलमान साथ मिलकर कर रहे 13 दुर्गापूजा का आयोजन
पंडालों के निर्माण से लेकर प्रतिमाओं के विसर्जन तक का सारा कामकाज हिंदू-मुसलमान मिलकर करेंगे देवी दुर्गा समेत सभी प्रतिमाओं के केश मुसलमान ही कर रहे तैयार। देवी दुर्गा समेत सभी प्रतिमाओं के केश मुसलमान भाई ही तैयार करते हैं और वही हमें लाकर देते हैं।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल की विश्व विख्यात दुर्गापूजा में हिंदू-मुसलमान सांप्रदायिक सद् भाव की नजीर पेश कर रहे हैं। राज्य के नादियाल इलाके में 13 दुर्गापूजा का आयोजन दोनों समुदाय के लोग मिलकर कर रहे हैं।
गौरतलब है कि नादियाल में मुसलमान बहुसंख्यक हैं। वहां महज 20 फीसद हिंदू परिवार वास करते हैं। इलाके में सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए कुछ समय पहले पीस कमेटी का गठन किया गया था, जिसमें दोनों समुदाय के लोग शामिल हैं। यही कमेटी मिलकर इलाके में 13 दुर्गापूजा का आयोजन कर रही है। पंडालों के निर्माण से लेकर प्रतिमाओं के विसर्जन तक का सारा कामकाज हिंदू-मुसलमान मिलकर करेंगे।
कमेटी के सदस्य मोहम्मद वारिस ने कहा-'दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन सुव्यवस्थित तरीके से हो, इसके लिए प्रत्येक घाट पर मुस्लिम समुदाय के लोग तैनात रहेंगे। पूजा के दिनों में भी प्रत्येक पंडाल पर नजर रखी जाएगी। 'नादियाल इलाके के बदरतला की एक पूजा कमेटी के सचिव बीरबल गिरि ने कहा-'हम हिंदू-मुस्लिम एक हैं। साथ मिलकर पूजा का आयोजन करते हैं और खुशी मनाते हैं। सबको आपसी भेदभाव भूलकर यही करना चाहिए। पीस कमेटी की ओर से पंचमी के दिन इलाके के गरीब परिवारों में नए कपड़े भी बांटे जाएंगे।
पीस कमेटी के सदस्य मंसूर अली मोल्ला ने कहा-'दुर्गापूजा बंगालियों का सबसे बड़ा त्योहार है। लॉकडाउन में सबपर काफी असर पड़ा है इसलिए हम सब मिलकर पूजा का आयोजन कर रहे हैं।' पीस कमेटी के संयुक्त सचिव रूद्रेंद्र पाल ने कहा-'नादियाल में हिंदुओं की संख्या कम होने पर भी हमने कभी खुद को असुरक्षित महसूस नहीं किया। देवी दुर्गा समेत सभी प्रतिमाओं के केश मुसलमान भाई ही तैयार करते हैं और वही हमें लाकर देते हैं।'