मृत भैया को वापस पाने के लिए निगल ली 10 सूइयां !
डॉक्टरों ने एक किशोरी के गले में फंसीं 10 सूइयों को सफलतापूर्वक निकालकर चिकित्सा विज्ञान में एक और उपलब्धि कोलकाता के नाम दर्ज की है।
कोलकाता, जेएनएन। नीलरतन सरकार मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉक्टरों ने एक किशोरी के गले में फंसीं 10 सूइयों को सफलतापूर्वक निकालकर चिकित्सा विज्ञान में एक और उपलब्धि कोलकाता के नाम दर्ज की है। इससे भी चौंकाने वाली बात यह है कि ये सूइयां किशोरी के गले में गलती से नहीं फंसी थी, बल्कि उसने अपनी मर्जी से उन्हें निगला था।
हैरान करने वाली सबसे बड़ी बात यह है कि ऐसा उसने अपने मृत भैया को वापस पाने के लिए किया था। किशोरी का नाम अपरूपा विश्वास है। वह नदिया जिले के कृष्णनगर की रहने वाली है।
अस्पताल सूत्रों ने बताया कि अपरूपा की हालत ठीक है। ऑपरेशन के बाद उसके गले में 30 टांके पड़े हैं। उसका इलाज करने वाले चिकित्सकों के मुताबिक अपरूपा से बातचीत कर पता चला है कि वह अपने मृत भैया को वापस पाने के लिए सूइयां खाती थी। गौरतलब है कि अपरूपा के भैया की तीन साल पहले मृत्यु हो गई थी। उसके बाद से ही अपरूपा की मानसिक हालत बिगड़ने लगी थी।
चिकित्सकों ने बताया कि कि अपरूपा के गले में जिस तरह से सूइयां फंसी मिलीं, उसे देखकर नहीं लगा कि उसे किसी ने खिलाई थी या उसने गलती से खाई थी। अपरूपा ने अपनी मर्जी से उन्हें निगला था। 14 साल की उस किशोरी ने एक नहीं,10 सूइयां खाई थीं। नियमित अंतराल पर एक-एक करके निगला था। बेहद मुश्किल इस ऑपरेशन को दक्ष चिकित्सकों ने महज आधे घंटे में अंजाम दिया।
अपरूपा को गले मे दर्द की शिकायत लेकर उनके माता-पिता ने नीलरतन सरकार अस्पताल में भती कराया था। वह पिछले नौ दिनों से गले के दर्द से परेशान थी। पहले लगा कि गले में ठंड लग गई है। स्थानीय एक डॉक्टर को दिखाने पर कोई फायदा नहीं हुआ।
गत रविवार को अपरूपा अपने घर में बेहोश हो गई थी। पहले उसे कृष्णनगर अस्पताल ले जाया गया, वहां से बेहतर इलाज के लिए नीलरतन सरकार अस्पताल स्थानांतरित किया गया। वहां एक्स-रे करने पर पता चला कि उसके गले में 10 सूइयां फंसी हुई हैं। अपरूपा कृष्णनगर अक्षय विद्यापीठ में आठवीं की छात्रा है। यह भी पता चला है कि भैया की मौत के बाद खुद को तकलीफ देने के लिए भी वह सूइयां खाती थीं।