2015 से लेकर अब तक राज्य से 10 माओवादियों की हुई गिरफ्तारी
रिपोर्ट के अनुसार, साल 2015 से लेकर अब तक राज्य में ना तो कोई माओवादी हिंसा की घटना हुई और ना ही इसमें किसी नागरिक या सुरक्षाबलों के जवानों की मौत हुई है।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। एक समय माओवादी (नक्सली) हिंसा के लिए पूरे देश में बदनाम पश्चिम बंगाल में अब लगता है कि नक्सलियों का पूरी तरह सफाया हो चुका है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले तीन वर्षो के दौरान बंगाल में माओवादी हिंसा या हमले की एक भी घटना नहीं घटी है।
रिपोर्ट के अनुसार, साल 2015 से लेकर अब तक राज्य में ना तो कोई माओवादी हिंसा की घटना हुई और ना ही इसमें किसी नागरिक या सुरक्षाबलों के जवानों की मौत हुई है।
वहीं, 2015 से लेकर जून 2018 तक बंगाल से 10 माओवादी उग्रवादी को गिरफ्तार करने में सफलता मिली है।
आंकड़ों के अनुसार, 2015 में 2, 2016 में 5, 2017 में 1 और 2018 में 2 माओवादियों को गिरफ्तार किया गया है। बंगाल के अलावा उत्तर प्रदेश में भी पिछले तीन वर्षो के दौरान नक्सली हिंसा की एक भी घटनाएं नहीं हुई।
दूसरी तरफ, बंगाल के पड़ोसी राज्यों की बात करें तो झारखंड में 2015 से लेकर जून 2018 के दौरान नक्सली हिंसा की 993 घटनाएं घटी है। इसमें 201 आम नागरिक हताहत हुए जबकि सुरक्षाबलों के 24 जवानों की मौत हो गई।