वृद्ध में प्रेत आत्मा का वास होने की फैला दी थी अफवाह, काट ली वृद्ध की 10 अंगुली
चाटुकारों ने फरमान की तामील करते हुए आदिवासी वृद्ध की 10 अंगुलियां काट दी। घटना को लेकर ग्रामीणों में खौफ पैदा हो गया।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। शिक्षित समाज में आज भी दकियानूसी सोच और अंधविश्र्वास की वजह से समाज के ठेकेदारों के हौसले बुलंद हैं। यही वजह है कि गांव का ठेका ले चुके लंबरदार कानून को दरकिनार कर तुगलकी फरमान से परिवारों को बर्बाद कर देते हैं।
ऐसा ही दिल दहलाने वाला एक मामला वीरभूम जिले के सिउड़ी में सामने आया है। आदिवासी वृद्ध में प्रेत आत्मा का वास बताकर पहले गांव में अफवाह फैला दी गई, फिर सालिसी सभा (खाफ पंचायत) में लंबरदारों ने बतौर सजा वृद्ध की दोनों हाथों की अंगुलियां काटने का फरमान सुना दिया।
चाटुकारों ने फरमान की तामील करते हुए आदिवासी वृद्ध की 10 अंगुलियां काट दी। घटना को लेकर ग्रामीणों में खौफ पैदा हो गया। पुलिस ने घायल को अस्पताल में दाखिल करवाया है। आरोपितों की तलाश शुरू कर दी गई है।
सूत्रों के अनुसार कुछ दिनों से पारुई के राधाकेष्टोपुर गांव निवासी आदिवासी फंदी सरदार (60) के अंदर प्रेत आत्मा का वास होने की अफवाह गांव में फैल रही थी। इसके निदान के लिए मंगलवार को गांव में सालिसी सभा बुलाई गई। समाज के ठेकेदारों ने गांव को प्रेत आत्मा से बचाने के लिए पहले वृद्ध की बली देने का निर्णय लिया। लेकिन बाद में वृद्ध फंदी के दोनों हाथों की अंगुलियां काट देने का फरमान सुनाया गया।
इसके बाद ही लंबरदारों के शार्गिदों ने चापड़ से वृद्ध की दसों अंगुलियां काट दी। परिवार के लोगों ने गंभीर अवस्था में वृद्ध को बर्द्धमान मेडिकल कालेज एवं अस्पताल में भर्ती करवाया।
डाक्टरों ने भी तत्काल वृद्ध का आपरेशन कर दिया। पुलिस के अनुसार वृद्ध की अंगुलियां नहीं होने की वजह से वह लिखित शिकायत नहीं दे सकता था। लेकिन मुंह से बताए गए हुलिए के आधार पर आरोपितों की तलाश शुरू कर दी गई है।