16 अप्रैल को कोयला उद्योग में हड़ताल
जागरण संवाददाता, कोलकाता : केंद्र सरकार द्वारा कमर्शियल माइनिंग का फैसला कर कोल इंडिया के
जागरण संवाददाता, कोलकाता : केंद्र सरकार द्वारा कमर्शियल माइनिंग का फैसला कर कोल इंडिया के एकाधिकार को पूरी तरह समाप्त करने के विरोध में श्रम संगठन लामबंद हुए हैं। फैसले के खिलाफ कोयला उद्योग में कार्यरत श्रम संगठनों एटक, भारतीय मजदूर संघ, सीटू व हिन्द मजदूर सभा ने 16 अप्रैल को एक दिवसीय हड़ताल करने का निर्णय लिया है। सीआइएल व एससीसीएल में हड़ताल को लेकर आइएनएमएफ धनबाद के सेक्रेटरी जनरल एसक्यू जमा की ओर से गुरुवार को विज्ञप्ति जारी की गई जिसमें पांच सूत्री मांग को लेकर हड़ताल की बात कही गई है। गौरतलब है कि कोयला उद्योग के राष्ट्रीयकरण के बाद से ही कोयला के वाणिज्यिक खनन का एकाधिकार सिर्फ कोल इंडिया व अन्य सरकारी कंपनियों को है। यानी सिर्फ वही कोयला खनन करने के साथ कोयला बेच सकती हैं। पावर, स्टील व सीमेंट की कुछ कंपनियों को कोयला खनन का अधिकार तो मिला है मगर सिर्फ स्वयं के इस्तेमाल (कैप्टिव माइनिंग) के लिए। वे बाहर कोयला नहीं बेच सकती हैं। मगर सरकार ने हाल में निजी समेत विदेशी कंपनियों को भी वाणिज्यिक कोयला खनन की हरी झडी दे दी है। श्रमिक संगठन इसे कोयला उद्योग व श्रमिकों के हित के खिलाफ बता रहे हैं।