राजनीतिक दलों में एक और संघर्ष की तैयारी
संवाद सहयोगी, खड़गपुर (प.मेदिनीपुर) : पूर्व मेदिनीपुर जिला अंतर्गत तमलुक संसदीय उपचुनाव राजनीि
संवाद सहयोगी, खड़गपुर (प.मेदिनीपुर) : पूर्व मेदिनीपुर जिला अंतर्गत तमलुक संसदीय उपचुनाव राजनीतिक दलों के लिए अप्रत्याशित चुनौती बन कर आई है। विभिन्न राजनीतिक दलों के लिए यह एक और संघर्ष की तैयारी के जैसे है और नेतागण इस चुनौती से निपटने में जुट गए हैं।
बताते चलें कि इस साल की शुरुआत में ही राजनीतिक दलों को विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटना पड़ा था। लिहाजा विभिन्न खेमों के लिए समय काफी थकाने वाला रहा। महज कुछ महीनों के अंतराल पर सिर पर आए तमलुक उपचुनाव ने राजनीतिक दलों के सामने नई चुनौती पेश कर दी है। जो टीएमसी के पूर्व सांसद शुभेंदु अधिकारी के इस्तीफे से रिक्त हुई है। वर्ष 2009 से यह सीट टीएमसी के कब्जे में है। लिहाजा टीएमसी के लिए यह सीट स्वाभाविक रूप से प्रतिष्ठा का प्रश्न है। इस सीट पर अधिकारी परिवार के ही दिव्येंदु अधिकारी मैदान में हैं। लिहाजा इस सीट को केवल जीतना ही नहीं बल्कि अधिकाधिक वोटों से जीतना टीएमसी का लक्ष्य है,
वहीं विरोधी खेमे भी कड़ी टक्कर देकर शासक दल को चौंकाना चाहते हैं। जिनमें माकपा और भाजपा प्रमुख है। माकपा ने मंदिरा सेठ को इस सीट से उम्मीदवार बनाया है। इस साल हुए विधानसभा चुनाव में तमलुक और हल्दिया सीट झोली में आने से वामपंथी खेमा उत्साहित है। माकपा नेता निरंजन सिही ने इस चुनाव में अच्छे परिणाम की उम्मीद जताई, वहीं पूर्व माकपा नेता लक्ष्मण सेठ के भरोसे भाजपा भी यहां शक्ति प्रदर्शन करने को बेताब है। कुछ दिन पहले ही सेठ भाजपा में शामिल हुए हैं। ऐसे में हर किसी की नजर उन पर टिक गई है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष तमलुक उपचुनाव में दमदार प्रदर्शन की दलील कई बार दे चुके हैं। विरोधी खेमे में कांग्रेस ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं।