पुनर्वास केंद में असामाजिक गतिविधियों का आरोप
पश्चिम मेदिनीपुर जिला अंतर्गत मेदिनीपुर के वार्ड-5 अंतर्गत विधाननगर स्थित ल
संवाद सूत्र, मेदिनीपुर : पश्चिम मेदिनीपुर जिला अंतर्गत मेदिनीपुर के वार्ड-5 अंतर्गत विधाननगर स्थित लालकोठी नामक भवन में असामाजिक गतिविधियां चलाए जाने का आरोप वार्ड सभासद मोउ राय द्वारा लगाए जाने के बाद मामला राजनीतिक रंग लेता जा रहा है। पुलिस ने मामले में हस्तक्षेप कर जांच-पड़ताल के पश्चात उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
जानकारी के मुताबिक शुक्रवार की देर शाम को टीएमसी सभासद मोउ राय विधाननगर स्थित लालकोठी पहुंचीं और भवन में असामाजिक गतिविधियां चलाए जाने का आरोप लगाते हुए केयरटेकर के नाती से भवन की चाबी की मांग की, जिससे विवाद बढ़ गया। सभासद मोउ राय ने कहा कि उन्हें भवन में असामाजिक गतिविधियां चलने की शिकायत प्राप्त हुई थी। उसी आरोप के आधार पर वे भवन पहुंचीं तो उन्होंने देखा कि उस भवन में जहां पहले पुनर्वास केंद्र चलाया जाता था, वहां अब केयरटेकर रेणुका अधिकारी का नाती शुभोव्रत घोष सेंटर को बंद कर मार्के¨टग ऑफिस खोलकर बैठा है। यही नहीं भवन के ऊपरी तल को उसने कुछ विद्याíथयों को किराए पर दे दिया है। आरोप है कि भवन के नीचे तल में कई कमरे खाली हैं, जहां असामाजिक गतिविधियां जारी रहती हैं। फलस्वरूप इलाके में चोरी-छिनतई की घटनाएं बढ़ रही हैं और युवा नशे में विचरण करते हुए भवन में प्रवेश करते हैं। सभासद ने आरोप लगाया कि वहां जाने पर शुभोव्रत घोष ने उन्हें धमकी देते हुए अंदर आने से रोका। इधर शुभोव्रत घोष ने भी आरोप लगाते हुए कहा कि चुंकि मैं भाजपा समर्थक हूं, इसलिए सभासद मोउ राय यहां राजनीति करना चाहती हैं। इस भवन पर कब्जा जमाना चाहती हैं, जबकि मकान मालकिन गीतारानी पाल ने इस भवन की देखरेख की जिम्मेदारी उनकी नानी को दी थी। इसलिए बोलने का हक सिर्फ गीतारानी पाल को हैं। सभासद इस भवन पर कब्जा जमाने के लिए इस तरह का प्रपंच कर रही हैं। विवाद की जानकारी मिलने पर मेदिनीपुर कोतवाली थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और विवाद शांत कराते हुए दोनों पक्ष को सुबह थाने में आने का कहा। बहराल शनिवार की सुबह सभासद मोउ राय थाने पहुंची और शुभोव्रत व उसके कुछ सहयोगियों के खिलाफ विधाननगर के स्थानीय निवासियों की ओर शिकायत दर्ज कराई। थाने के कार्यकारी प्रभारी हीरक विश्वास ने कहा कि दोनों पक्ष की बात सुनने के बाद मकान मालकिन से मिलकर कागजातों की जांच की जाएगी। अगर भवन में कुछ गलत कार्य हो रहे हैं, तो जांच-पड़ताल के पश्चात उचित कार्रवाई की जाएगी।