ब्रिगेड रैली को ले जंगल महल में गहमागहमी
पश्चिम मेदिनीपुर जिला अंतर्गत मेदिनीपुर समेत समूचे जंगल महल में ब्रिगेड र
संवाद सूत्र, मेदिनीपुर : पश्चिम मेदिनीपुर जिला अंतर्गत मेदिनीपुर समेत समूचे जंगल महल में ब्रिगेड रैली को ले रविवार को खासी गहमागहमी रही। ब्रिगेड मैदान जाने और आने के लिए कार्यकर्ताओं के सड़क मार्ग के बजाय ट्रेनों को तरजीह देने से बस यात्रियों ने राहत की सांस ली।
बता दें कि क्षेत्र में ब्रिगेड रैली की टीएमसी के स्तर पर तैयारियां कई दिन पहले से जारी थी, जो शनिवार की शाम होते-होते चरम पर नजर आई। बड़े स्तर के नेता नजदीकियों के साथ शनिवार की रात ही कोलकाता रवाना हो गए, ताकि रैली शुरू होने से पहले ही वे सभास्थल पर नजर आएं। वहीं आम कार्यकर्ता रविवार की सुबह से कोलकाता की ओर रवाना हुए। पिछली कुछ रैलियों के बनिस्बत इस बार एक परिवर्तन यह देखा गया कि कार्यकर्ताओं ने आवागमन के लिए सड़क मार्ग के बजाय रेल को प्राथमिकता दी। पहले कार्यकर्ता सड़क मार्ग को तरजीह देते थे, लिहाजा लगातार कई घंटों तक अराजक स्थिति बनी रहती थी। सबसे ज्यादा परेशानी बस यात्रियों को झेलनी पड़ती थी, लेकिन इस बार औसतन 40 फीसद बसें ही रैली के लिए बुक कराई गईं। पश्चिम मेदिनीपुर बस ऑनर्स एसोसिएशन के सचिव मृगांक माईती ने कहा कि मेदिनीपुर सेंट्रल बस स्टैंड से प्रतिदिन करीब 400 सौ निजी और 100 सरकारी बसें आवागमन करती हैं। पहले 300 से अधिक बसें रैलियों के लिए आरक्षित करा ली जाती थीं, लेकिन इस बार केवल 120 से 125 के बीच बसें बुक कराई गई। लिहाजा ज्यादातर रूटों पर परिवहन काफी हद तक स्वाभाविक रहा। टीएमसी की टाउन कमेटी के अध्यक्ष विश्वनाथ पांडव ने कहा कि नेतृत्व के निर्देश पर हमने बस के बजाय ट्रेन से सभास्थल जाने को प्राथमिकता दी, क्योंकि हम एक जिम्मेदार राजनैतिक दल हैं। हम नहीं चाहते कि हमारी वजह से किसी को परेशानी हो।