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एमएमसीएच में तीसरे दिन भी ठप रहीं स्वास्थ्य सेवाएं

पश्चिम मेदिनीपुर जिला अंतर्गत मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल (एमएमसीएच) में

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Jun 2019 06:22 PM (IST)Updated: Fri, 14 Jun 2019 06:22 PM (IST)
एमएमसीएच में तीसरे दिन भी ठप रहीं स्वास्थ्य सेवाएं
एमएमसीएच में तीसरे दिन भी ठप रहीं स्वास्थ्य सेवाएं

जेएनएन, खड़गपुर : पश्चिम मेदिनीपुर जिला अंतर्गत मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल (एमएमसीएच) में हड़ताल के चलते उत्पन्न अराजकता शुक्रवार को भी जस की तस कायम रही। जूनियर डॉक्टरों के आंदोलन का समर्थन करते हुए इस दिन वरिष्ठ चिकित्सकों ने भी आउटडोर बंद रखा। चिकित्सकों के आंदोलन के कारण तीसरे दिन भी एमएमसीएच में स्वास्थ्य सेवाएं ठप रहीं, जिससे मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

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कोलकाता के एनआरएस मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में विगत सोमवार को जूनियर डॉक्टरों पर हुए हमले की घटना के बाद से ही राज्य के अन्यान्य अस्पतालों की तरह ही मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के जूनियर डॉक्टर भी हड़ताल पर हैं। इससे मरीजों को हो रही परेशानियों के मद्देनजर आक्रोशित लोगों ने विगत बुधवार को सड़क जाम भी की थी। शुक्रवार को अस्पताल के नर्स व डॉक्टरों ने काला बैज लगा कर एनआरएस कांड पर विरोध जताया। अराजकता के बीच जो आउटडोर पिछले दो दिन तक खुला रहा, शुक्रवार को वह भी बंद कर दिया। वरिष्ठ चिकित्सक एकत्रित होकर संस्थान के प्राचार्य डॉ. पंचानन कुंडू से मिलने गए। हालांकि मसले का कोई हल नहीं निकल सका। चिकित्सकों ने कहा कि वे सिर्फ इतना चाहते हैं कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हड़तालरत चिकित्सकों से मिलें और उनकी समस्याओं को समझने का प्रयास करें। बात-बात पर अस्पताल में हंगामा और डॉक्टरों पर हमले की घटना अब बर्दाश्त से बाहर होती जा रही है। आखिर कोई चिकित्सक अपने पेशे के लिए मार क्यों खाए। आखिर किस पेशे में इस तरह लोगों को मार खानी पड़ती है। डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी अपना सुख-दुख भूल कर चौबीसों घंटे मरीजों की सेवा करते हैं, लेकिन बदले में उन्हें यह सिला मिलता है। जब भी किसी को कुछ गलत लगता है वह अस्पताल में तोड़फोड़ करने लगता है। डॉक्टरों पर हमले करता है। आखिर यह कब तक चलेगा। डॉक्टर वैसे भी अपने पेशे के तहत भारी त्याग करते हैं। वे कभी अपनी सुख-सुविधाओं का ख्याल नहीं करते। इस बीच केशपुर के नेड़ादेउल के एक मरीज का दाखिला अस्पताल में नहीं हो पाने से फिर हंगामा खड़ा हो गया। आक्रोशित लोगों ने कुछ देर तक मुख्य द्वार पर पथावरोध किया। पुलिस के समझाने पर लोगों ने जाम समाप्त किया। दूसरी ओर पड़ोसी जनपद पूर्व मेदिनीपुर जिले में स्वास्थ्य परिसेवा शुक्रवार को काफी हद तक स्वाभाविक रही। जिला मुख्यालय तमलुक स्थित जिला अस्पताल में भी शुक्रवार को किसी प्रकार का धरना प्रदर्शन देखने को नहीं मिला, वहीं खड़गपुर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में भी परिसेवा काफी हद तक सामान्य रही।

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