शिक्षा के साथ रोजगार को बढ़ावा जरूरी
पश्चिम मेदिनीपुर जिला मुख्यालय मेदिनीपुर का शुमार ऐतिहासिक शहरों म
संवाद सूत्र, मेदिनीपुर : पश्चिम मेदिनीपुर जिला मुख्यालय मेदिनीपुर का शुमार ऐतिहासिक शहरों में हैं। स्वतंत्रता संग्राम में भी इसकी अभिन्न भूमिका रही है। बड़ी संख्या में वीरों और क्रांतिकारियों की जन्मस्थली मेदिनीपुर रही है। जिला प्रशासन के तमाम कार्यालय शहर में अवस्थित हैं, वहीं बड़ी संख्या में स्कूल व कॉलेज भी शहर में हैं जिनमें से कई अंग्रेजों के जमाने के बने हैं। शहर की दूसरी विशेषता इसका सांस्कृतिक और राजनैतिक बोध है। साल भर यहां रंगारंग व सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते रहते हैं। तमाम राजनैतिक संगठनों के जिला कार्यालय होने से इसकी राजनीतिक तासीर भी अलग है। यहां के लोग राजनैतिक ²ष्टि से काफी जागरूक माने जाते हैं। मेदिनीपुर में ईश्वर चंद्र विश्वविद्यालय बनने के बाद से शैक्षणिक ²ष्टि से भी इसका महत्व काफी अधिक बढ़ा है। राज्य और राष्ट्रीय स्तर की शैक्षणिक प्रतियोगिताएं शहर में आयोजित होती है। इसी के साथ युवाओं की चाहतें भी बदली हैं। जिसका असर इस साल के चुनाव प्रचार के दौरान देखने को मिल रहा है। छात्र चुनाव प्रचार को बारीकियों से देख रहे हैं। वे इसके माध्यम से राजनैतिक दांव-पेंच को समझने की कोशिश कर रहे हैं। उनकी इच्छाएं व भावनाएं देश के अन्य युवाओं की तरह ही है।
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फोटो 11 :- केंद्र में संवेदनशील और कल्याणकारी भावनाएं वाली सरकार की आवश्यकता है। जो समाज के हर वर्ग के नागरिकों की भावनाओं व समस्याओं को समझ कर उसके अनुरूप कदम उठाए और नागरिकों को सक्षम बनाने में मददगार साबित हो। मेरा मतदान इसी मुद्दे को केंद्र कर होगा। शोभन दास
फोटो 12 :- देश की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत हुई है, लेकिन जब तक महंगाई पर अंकुश और हर हाथ को रोजगार नहीं मिल जाता तब तक सरकारों को अपने प्रयत्न जारी रखने चाहिए। नई पीढ़ी की यही प्राथमिकताएं हैं। इसी मुद्दे को ध्यान में रखकर मतदान करुंगी। सोमा दास
फोटो 13 :- राज्य सरकार हो या केंद्र, महंगाई पर लगाम लगाना उसकी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। होश संभालने के साथ ही हम पर भी महंगाई की मार पड़ रही है। माता-पिता आर्थिक संतुलन कायम करने में लाचार साबित हो रहे हैं। यह परिस्थिति हमें हीन भावना का शिकार बना रही है। सुमन घोष
फोटो 14 :- कन्याश्री और बेटी बचाओ जैसे अभियान सराहनीय हैं, लेकिन सरकारों को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि नई पीढ़ी जब पढ़-लिख कर युवावस्था तक पहुंचे तो उन्हें अनिवार्य रूप से रोजगार हासिल हो। इसके बगैर खुशहाल समाज की स्थापना संभव नहीं है। सुतपा राय