क्राफ्ट प्रदर्शनी में प्रतिभागियों ने साझा किया अनुभव
जागरण संवाददाता, खड़गपुर : विगत 3 जून से पश्चिम मेदिनीपुर जिला अंतर्गत आइआइटी खड़गपुर प्रांगण में आयोज
जागरण संवाददाता, खड़गपुर : विगत 3 जून से पश्चिम मेदिनीपुर जिला अंतर्गत आइआइटी खड़गपुर प्रांगण में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक अधिवेशन के तहत नालंदा परिसर में जारी नृत्य, कला एवं क्राफ्ट कार्यशालाओं का शुक्रवार को समापन हो गया। समापन के पूर्व इसी दिन नालंदा परिसर में क्राफ्ट प्रदर्शनी का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न क्राफ्ट कार्यशालाओं में शामिल होकर सीखने वाले प्रतिभागियों द्वारा स्वयं की बनाई गई कलाकृतियों का प्रदर्शन किया गया।
क्राफ्ट प्रदर्शनी में पटुआ फोक पें¨टग, शोलापीठ पें¨टग, क्ले पॉटरी, कालीघाट फोक पें¨टग, बैम्बू बास्केटरी एंड वी¨वग, हैंडलूम वी¨वग, मास्क मे¨कग, सांझी पेपर क¨टग, मुगल वुड कार्विंग, मिनिएचर कांगरा पें¨टग, चेरियल फोक पें¨टग, गोंड ट्राइबल पें¨टग, फड़ फोक पें¨टग, पट्टचित्र फोक पें¨टग के गुरुओं द्वारा प्रतिभागियों को प्रशिक्षित करने के दौरान जिन कलाकृतियों एवं उत्पादों का निर्माण किया गया, उन्हें ही प्रदर्शित किया गया। ¨हदुस्तान के विभिन्न प्रांतों के अलावा पाकिस्तान, बांग्लादेश आदि से पहुंचे प्रतिभागियों ने अपना-अपना अनुभव साझा कर कला गुरुओं एवं स्पिक मैके के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की। क्राफ्ट प्रदर्शनी के उपरांत नालंदा परिसर में ही डॉल्ड थियेटर के गुरु सुदीप गुप्ता व सुपर्णा गुप्ता के कार्यशाला से प्रशिक्षित प्रतिभागियों ने पर्यावरण संरक्षण विषय पर अति रोचक पपेट्री शो का प्रदर्शन किया, जिसका सभी ने आनंद उठाया। स्पिक मैके के सदस्य अनुराग वैश्य ने बताया कि क्राफ्ट प्रदर्शनी पूर्ण तौर पर सफल रहा। प्रतिभागियों ने इतने काम समय में पूर्ण मनोयोग के साथ विभिन्न क्राफ्ट कला सीख कर यह साबित किया कि अगर रुचि के साथ-साथ आत्मविश्वास हो तो कुछ भी संभव है।
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चिश्ती ब्रदर्स ने भी मचायी धूम
इससे पूर्व गुरुवार सांस्कृतिक कार्यक्रमों की ऋंखला में ख्यातिप्राप्त चिश्ती ब्रदर्स के सरफराज इकबाल चिश्ती ब्रदर्स ने एक बढ़कर एक सूफियाना कलाम गाकर महफिल में चार चांद लगा दिया। इस दौरान श्रोताओं के उत्साह देखते ही बन रहा था। उनका जोश देखकर चिश्ती ब्रदर्स ने भी जमकर तान छेड़ दी। चिश्ती ब्रदर्स ने Þजो मुझमें बोलता है मैं नहीं हूं..'की तान छेड़ी, लोग झूमने लगे। उसके पश्चात श्रोताओं की खुमारी को देखते हुए अमीर खुसरो की नज्म Þछाप तिलक सब छीनी रे, मोसे नैना मिलाइके..'की तान छेड़ी, तो पूरा हॉल तालियों के साथ झूमने लगा। अंत में बारी आई ऑल टाइम फेवरेट Þदमादम मस्त कलंदर की..'। श्रोताओं की फरमाइश पर चिश्ती ब्रदर्स ने जैसे ही इस नज्म की शुरुआत की। बच्चे-बड़े, युवा, महिलाएं, बुर्जुग सभी एक ही रंग में सराबोर हो गए और वह रंग था अह्लाद का। चिश्ती ब्रदर्स के पश्चात भाई बलजीत ¨सह नामधारी ने गुरुबानी एवं श्याम सुदंर दास ने बाउल गीत प्रस्तुत कर असीम आनंद का अहसास कराया।