जंगल महल में बढ़ती शरारतों पर रोक की चुनौती
पश्चिम मेदिनीपुर जिला अंतर्गत विभिन्न भागों के साथ ही जंगल महल में ि
जागरण संवाददाता, खड़गपुर : पश्चिम मेदिनीपुर जिला अंतर्गत विभिन्न भागों के साथ ही जंगल महल में विधि व्यवस्था बनाए रखना पुलिस महकमे के लिए चुनौती बनती जा रही है। इस क्रम में विगत 26 सितंबर को लालगढ़ में कथित माओवादी पोस्टर देखे जाने की घटना ने महकमे को सकते में ला दिया है।
पंचायत चुनाव के बाद से ही जंगल महल का विस्तृत क्षेत्र राजनैतिक व प्रशासनिक ²ष्टि से काफी महत्वपूर्ण हो चुका है। इस बीच आदिवासियों के चक्का जाम आंदोलन और केशियाड़ी में पान व्यवसायी की हत्या ने दोनों हलकों में सनसनी दौड़ा दी है। राजनैतिक खेमों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो चुका है। इस बीच विगत 26 सितंबर को बंद के दिन लालगढ़ के कांचनडांगा में नजर आए कथित माओवादी पोस्टर ने प्रशासनिक महकमों को ¨चता में डाल दिया है। यद्यपि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि पोस्टर सचमुच माओवादियों की ओर से लगाए गए या नहीं। अलबत्ता पुरानी शैली में पोस्टर में इस्लामपुर में छात्रों की हत्या पर रोष व्यक्त किया गया। माना जा रहा है कि यदि यह शरारत भी हो तो भी इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है, क्योंकि संसदीय चुनाव तक इसका दायरा बढ़ सकता है। झाड़ग्राम के अपर पुलिस अधीक्षक विश्वजीत महतो ने कहा कि पोस्टर मामले की जांच की जा रही है। जल्द ही मामले की तह तक पहुंचा जा सकेगा।