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सावधानी से ही संभव है हादसों से सुरक्षा

पश्चिम मेदिनीपुर जिला अंतर्गत रेलनगरी खड़गपुर समेत समूचे जंगल महल

By JagranEdited By: Published: Mon, 12 Nov 2018 07:09 PM (IST)Updated: Mon, 12 Nov 2018 07:09 PM (IST)
सावधानी से ही संभव है हादसों से सुरक्षा
सावधानी से ही संभव है हादसों से सुरक्षा

जागरण संवाददाता, खड़गपुर : पश्चिम मेदिनीपुर जिला अंतर्गत रेलनगरी खड़गपुर समेत समूचे जंगल महल का क्षेत्र कोहरा परिक्षेत्र में नहीं माना जाता। इसके बावजूद धुंध के चलते सर्दियों में हादसे होते हैं। पुलिस प्रशासन सावधानी को ही बचाव का बढि़या उपाय मानती है।

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इन दिनों जंगल महल में कोहरे की विजिबिलिटी तकरीबन सात किलोमीटर आंकी गई है। दिसंबर और जनवरी में यह घट कर 400 मीटर तक हो सकती है। हादसों के लिहाज से यही समय काफी खतरनाक माना जाता है, क्योंकि धुंध के चलते वाहन अक्सर आपस में टकरा जाते हैं। जिससे लोग हताहत होते हैं।

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हादसों के प्रमुख कारण

दिसंबर और जनवरी के दौरान राजमार्गों के साथ ही राज्य और रिहायशी क्षेत्रों की अंदरूनी सड़कों में भी हादसे 20 फीसद तक बढ़ जाते हैं। कोहरे के चलते सामने चल रहे वाहनों का दिखाई नहीं देने के साथ ही अन्य महत्वपूर्ण कारणों में अचानक वाहन के सामने किसी जानवर का आ जाना भी बड़ा कारण है। पिछले साल सर्दियों के दिनों में जिले ऐसे 22 मामले सामने आए, जब अचानक किसी मवेशी के सामने आ जाने से वाहन बेकाबू होकर पलट गए थे। इन हादसों में कई जानें गईं। बेशक पिछले कुछ सालों में राजमार्गों में वाहनें खड़ी करने के लिए अलग से स्थान निर्धारित किए गए हैं। इसके बावजूद अनाधिकृत रूप से वाहन चालक जहां-तहां वाहनें खड़ी कर देते हैं, जिससे सड़क पर चल रहे वाहनों को खड़ी वाहन को लेकर भ्रम होता है और हादसे भी हुआ करते हैं। जन शिकायतों के बावजूद भारी वाहनों में लोहे का सरिया आदि बाहर तक लाद तक खतरनाक तरीके से इधर-उधर ले जाने का सिलसिला जारी है। जब तब प्रमुख सड़कों पर ऐसे नजारे देखने को मिलते हैं। राजमार्ग और अंदरूनी सड़कों पर होने वाले हादसों में इसकी 40 फीसद तक भूमिका मानी जाती है।

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कोहरे में वाहन चालन में बरती जाने वाली अतिरिक्त सावधानियां

* आगे चलने वाले वाहन से अपनी गाड़ी निश्चित दूरी रखते हुए चलाने का प्रयास करें।

* वाहनों को ओवरटेक न कर गति सीमा तय कर चलें।

* किसी वाहन को ओवरटेक करने का प्रयास न करें।

* हाई बीम पर न रखें वाहनों के हेडलाइट्स।

* सड़क के बाएं किनारे को देखकर वाहन चलाएं।

* मुड़ने से काफी पहले इंडीकेटर दें।

* वाहनों में पीछे रिफ्लेक्टर या रेडियम टेप लगाएं।

* हेड लाइट के साथ फॉग लाइट्स का इस्तेमाल अवश्य करें।

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प्रशासन की दलीलें

पश्चिम मेदिनीपुर के डीएसपी ट्रैफिक-1 आनंदजीत होड़ के मुताबिक कोहरे के दौरान चालकों से ट्रैफिक नियमों का सख्ती से अनुपालन कराने के साथ ही नाकों पर नियमित गश्त पर जोर दिया जाता है। घने कोहरे वाले दिनों में फॉग लाइट्स का प्रयोग किया जाता है। जागरूकता अभियान भी चलाया जाता है। होड़ ने कहा कि भारी वाहनों में लोहे का सरिया ही नहीं, बल्कि मोटर अधिनियम के उल्लंघन की स्थिति में समय-समय पर कड़ा अभियान चलाया जाता है।


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