हाथियों के हमले में दो सरकारी स्कूल भवन क्षतिग्रस्त
नागराकाटा में हाथियों का उपद्रव थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। रविवार रात को दो जंगली हाथियों ने दो सरकारी स्कूलों को क्षतिग्रस्त कर दिया।
संवाद सूत्र, नागराकाटा : नागराकाटा में हाथियों का उपद्रव थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। रविवार की देर रात को दो जंगली हाथियों ने दो सरकारी स्कूलों के भवन को क्षतिग्रस्त कर दिया। साथ ही खेत में घुस कर आलू व बंदगोभी के फसलों को नष्ट कर दिया। ब्लॉक के आंग्राभाषा दो नंबर ग्राम पंचायत के पश्चिम खयेरकाटा गांव में हाथियों ने विगत एक महीने से स्थानीय लोगों की नींद उड़ा रखी है। आतंकित व क्षतिग्रस्त ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग को सूचित किए जाने के बावजूद समय पर वनकर्मी घटनास्थल पर नहीं आते हैं। वन विभाग व स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, हाथी के हमले की पहली घटना सुल्कापाड़ा ग्राम पंचायत अंतर्गत खास बस्ती में घटी। यहां झुंड से बिछड़े एक जंगली हाथी ने स्थानीय नेपाली माध्यम के जूनियर हाई स्कूल के भवन की दीवार को तोड़ दिया। यह स्कूल अभी तक चालू नहीं हुआ है। भवन साल भर पहले ही बनकर तैयार हुआ है। स्कूल के शिक्षक काजी थापा ने कहा कि स्थानीय लोग हाथी को खदेड़ नहीं पाए। हर दिन यहां के लोग हाथी के आतंक के साए में जी रहे हैं। स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के अनुसार, इस हाथी ने स्कूल के पास स्थित एक आश्रम में भी तांडव चलाया। दूसरे हाथी ने आंग्राभाषा एक नंबर ग्राम पंचायत के हृदयपुर ठुकुरु लाइन स्थित एक प्राथमिक स्कूल को क्षतिग्रस्त किया है। यह स्कूल विगत चार महीने में तीसरी बार हाथी के हमले का शिकार हुआ। स्कूल के शिक्षक अमरनाथ छेत्री ने कहा कि आज तक एक रुपये क्षतिपूर्ति नहीं मिली है। स्कूल के निजी फंड से स्कूल भवन मरम्मत किया जा रहा है। भाजपा के नागराकाटा दो नंबर मंडल कमेटी के अध्यक्ष तथा आंग्राभाषा के निवासी निरंजन सरकार, निर्मल छेत्री ने कहा कि ग्रामीण ही हाथी खदेड़ने का काम कर रहे हैं। वन विभाग के कर्मचारी नहीं आते हैं। स्थिति दिन-ब-दिन जटिल होती जा रही है। वन विभाग के अनारारी वाइल्ड लाइफ की वार्डेन सीमा चौधरी ने कहा कि आंग्राभाषा इलाके के पास स्थित जंगल में सात से आठ हाथी हैं। वन कर्मी हाथियों की गतिविधि पर नजर रख रहे हैं।