15 दिन में दो बच्चों को तेंदुओं ने मारा, अब दो दिन में मिले दो तेंदुओं के शव
पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार जिले के जिस इलाके में 15 दिनों में तेंदुओ ने दो बच्चों का शिकार किया, उसी इलाके में लगातार दो दिन में दो तेंदुए के शव पाए गए। दोनों तेंदुए वयस्क थे।
By Rajesh PatelEdited By: Published: Thu, 27 Dec 2018 06:18 PM (IST)Updated: Thu, 27 Dec 2018 06:18 PM (IST)
वीरपाड़ा [संवादसूत्र]। पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार जिले के जिस इलाके में 15 दिनों में तेंदुओ ने दो बच्चों का शिकार किया, उसी इलाके में लगातार दो दिन में दो तेंदुए के शव पाए गए। दोनों तेंदुए वयस्क थे। इससे वन विभाग के अधिकारियों में बेचैनी बढ़ गई है।
गुरुवार को लंकापाड़ा रेंज के गैरगेंडा चाय बागान के 34 नंबर सेक्शन इलाके में मृत मिले तेंदुए के शव पर किसी प्रकार के चोट के निशान नहीं पाए गए। सूचना पाकर मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
डीएफओ विमल कुमार ने कहा कि तेंदुए का पेट काटकर नमूना लिया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मृत्यु के सटीक कारणों का पता चल पाएगा। एक दिन पहले बुधवार को भी लंकापाड़ा रेंज के गैरगेंडा चाय बागान के ईस्ट लाइन इलाके में तेंदुए का शव मिला था। उसके शरीर पर भी किसी प्रकार के चोट के निशान नहीं थे। श्रमिकों की माने तो पिछले कई दिनों से लोग तेंदुए के कारण दहशत में हैं। शाम होते ही घर में चले जाते हैं। इसके अलावा रात को भी चैन की नींद नहीं सो पाते थे। तेंदुआ द्वारा पालतू पशुओं को निशाना बनाया जा रहा था। पिछले 15 दिनों में तेंदुए के हमले से दो बच्चे की मौत हो चुकी थी।
गुरुवार को लंकापाड़ा रेंज के गैरगेंडा चाय बागान के 34 नंबर सेक्शन इलाके में मृत मिले तेंदुए के शव पर किसी प्रकार के चोट के निशान नहीं पाए गए। सूचना पाकर मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
डीएफओ विमल कुमार ने कहा कि तेंदुए का पेट काटकर नमूना लिया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मृत्यु के सटीक कारणों का पता चल पाएगा। एक दिन पहले बुधवार को भी लंकापाड़ा रेंज के गैरगेंडा चाय बागान के ईस्ट लाइन इलाके में तेंदुए का शव मिला था। उसके शरीर पर भी किसी प्रकार के चोट के निशान नहीं थे। श्रमिकों की माने तो पिछले कई दिनों से लोग तेंदुए के कारण दहशत में हैं। शाम होते ही घर में चले जाते हैं। इसके अलावा रात को भी चैन की नींद नहीं सो पाते थे। तेंदुआ द्वारा पालतू पशुओं को निशाना बनाया जा रहा था। पिछले 15 दिनों में तेंदुए के हमले से दो बच्चे की मौत हो चुकी थी।
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