श्रमिकों ने सांसद व डीएम से लगाई मदद की गुहार
- अचल रायपुर चाय बागान को नए मालिक को सौंपने की मांग - मैनेजर ने बागान के खस्ता हाल को ि
- अचल रायपुर चाय बागान को नए मालिक को सौंपने की मांग
- मैनेजर ने बागान के खस्ता हाल को किया स्वीकार जागरण संवाददाता, जलपाईगुड़ी: चाय बागानों की हालात काफी खराब है। मालिक पक्ष बागानों को सटीक तरह से नहीं चला पा रहे हैं। वेतन भी समय से नहीं मिल रहा है। श्रमिकों ने उक्त समस्याओं के बारे में ही सांसद व डीएम को बताया। डीएम शिल्पा गौरसरिया ने श्रमिकों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।
माकपा के समय से ही बंद रायपुर चाय बागान में 2014 से श्रमिकों की मौत का सिलसिला शुरू हो गया। इसके बाद तृणमूल कांग्रेस की सरकार आने पर 10 जुलाई 2014 को बागान नए मालिक को सौंप दिया। श्रमिकों की भी इच्छा थी कि किसी प्रकार बागान खुल जाए।
चाय श्रमिक प्रधान हेमब्रम ने बताया कि बागान काफी दिनों से खुला हुआ है, लेकिन अनियमित वेतन, बकाया, पीएफ समेत अन्य सुविधाओं से श्रमिकों को वंचित होना पड़ रहा है। इस प्रकार बागान नहीं चल सकता है। किसी नए मालिक पक्ष को बागान सौंप देना चाहिए।
पूर्व प्रधान व तृणमूल कांग्रेस के महासचिव कृष्ण दास ने कहा कि रायपुर चाय बागान की हालत खराब है। इससे पहले भी कई बार मालिक पक्ष को लेकर बैठक की जा चुकी है। लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इस बारे में जिला प्रशासन से भी शिकायत की गई।
जिलाधिकारी शिल्पा गौरसरिया ने कहा कि रायपुर चाय बागान की समस्या सुनने को मिली है। इस बारे में राज्य सरकार के उच्च अधिकारियों से बात कर चाय बागान की नीलामी कर दूसरे मालिक को सौंपने की कोशिश करेंगे। वहीं रायपुर चाय बागान के मैनेजर गुरुविंदर सिंह ने स्वीकार किया कि बागान की अवस्था खराब है। श्रमिकों की शिकायतें भी बिल्कुल सही है। अगर मालिक पक्ष को लोन मिल जाता है तो जल्द ही समस्या का समाधान हो जाएगा।