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बालू-पत्थर निकालने की प्रक्रिया शुरू करने की मांग को ले श्रमिकों का प्रदर्शन

- एसडीओ कार्यालय का घेराव कर जताया विरोध, सौंपा ज्ञापन - 17 दिनों से बंद है नदी से बालू-

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 Aug 2018 04:48 PM (IST)Updated: Mon, 20 Aug 2018 04:48 PM (IST)
बालू-पत्थर निकालने की प्रक्रिया शुरू करने की मांग को ले श्रमिकों का प्रदर्शन
बालू-पत्थर निकालने की प्रक्रिया शुरू करने की मांग को ले श्रमिकों का प्रदर्शन

- एसडीओ कार्यालय का घेराव कर जताया विरोध, सौंपा ज्ञापन

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- 17 दिनों से बंद है नदी से बालू-पत्थर निकालने का काम

संवाद सूत्र, मालबाजार: नदी से बालू-पत्थर निकालने की प्रक्रिया चालू करने की मांग को लेकर सोमवार को श्रमिकों ने एसडीओ कार्यालय का घेराव कर अपना आक्रोश प्रकट किया। इसके बाद श्रमिकों के प्रतिनिधि ने एसडीओ को ज्ञापन भी सौंपा। आश्वासन मिलने के बाद ही श्रमिक शांत होकर वापस लौटे।

श्रमिकों की ओर से मोहम्मद जावेद अली ने कहा कि गत 17 दिनों से नदी से बालू-पत्थर निकालने का काम बंद पड़ा है। वे लोग नदी से ही बालू-पत्थर निकालकर अपना व परिवार के लोगों का लालन-पालन करते हैं। लेकिन गत 17 दिनों से काम बंद होने के चलते दो वक्त की रोटी जुगार करना भी मुश्किल हो गया है। इसके अलावा सरकार की ओर से निर्देश जारी किया गया है कि उत्तर बंगाल के किसी भी नदी से बालू-पत्थर निकालकर सरकारी निर्माण कार्य नहीं होगा। फलस्वरूप उनलोगों का काम तो बिल्कुल ही बंद हो जाएगा। मालिक पक्ष तो अपने ट्रक का इस्तेमाल दूसरे कार्यो में कर सकते हैं, लेकिन श्रमिकों को क्या होगा? इसलिये उनलोगों ने जल्द से जल्द नदी से बालू-पत्थर निकालने देने की मांग को लेकर एसडीओ कार्यालय का घेराव कर अपना विरोध जताया। उक्त मांगों को लेकर एसडीओ को ज्ञापन भी दिया जा चुका है।

जलपाईगुड़ी ट्रक मालिक की ओर से श्रवण गुप्ता ने कहा कि सरकारी निर्देशानुसार नदी से बालू-पत्थर नहीं निकाला जा सकता है। इसके चलते हजारों लोग बेरोजगार हो गए हैं। अचल व बंद चाय बागान के श्रमिक भी नदी से बालू-पत्थर निकालने के काम से जुड़े हुए थे। अब वे लोग भी बेरोजगार हो गए हैं। ट्रक मालिकों की ओर से से भी जल्द बालू-पत्थर का काम शुरू करने की मांग की गई है।

ज्ञातव्य है कि गत 3 अगस्त को जारी सरकारी निर्देश के अनुसार डुवार्स के किसी नदी से बालू-पत्थर नहीं निकाला जा सकता है। इसके चलते ट्रक मालिक, चालक, श्रमिक समेत उक्त काम से जुड़े करीब 10 हजार लोग बेरोजगार हो गए हैं।


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