आज खत्म हो जाएगा जलपाईगुड़ी नगरपालिका बोर्ड का मियाद
-प्रशासक मंडली से बाहर किये गए नगरपालिका के चेयरमैन मोहन बोस -पिछले 23 साल से जलपाईगुड़ी न
-प्रशासक मंडली से बाहर किये गए नगरपालिका के चेयरमैन मोहन बोस
-पिछले 23 साल से जलपाईगुड़ी नगरपालिका के चेयरमैन पद को सुशोभित करते रहे थे मोहन बोस
-पापिया पाल को बनाया गया प्रशासक, राजनीति हुई गरम
जागरण संवाददाता, जलपाईगुड़ी: तृणमूल परिचालित जलपाईगुड़ी नगरपालिका बोर्ड का मियाद रविवार 17 मई को खत्म हो जाएगा। राज्य के नगर निगम व नगर विकास विभाग ने शनिवार को नगरपालिका प्रशासक सहित पांच सदस्यीय मंडली की सूची जारी की। बतादें कि चेयरमैन मोहन बोस जलपाईगुड़ी नगरपालिका में विगत 23 साल से इस पद को सुशोभित कर रहें थें। लेकिन प्रशासक मंडली में उन्हें नहीं रखा गया। वहीं एमआईसी संदीप माहाता, सैकत चटर्जी सहित तृणमूल के दो पार्षद निपु शाह व विश्वजीत सरकार को जगह दी गयी है। इसे लेकर मोहन बस के समर्थक काफी गुस्से में है। सूत्रों के अनुसार मोहन बोस पिछले कुछ दिनों से बीमार थें। पिछले दिनों दिल्ली में उन्होंने इलाज करवाया। अभी फिलहाल वें जलपाईगुड़ी में है। विरोधी पार्षद इसे लेकर सवाल उठा रहें है।
मोहन बोस को शामिल न करने के पीछे राजनीति: मोहन बोस को प्रशासक मंडली में शामिल न करने से जलपाईगुड़ी नगरपालिका की राजनीति में फिर उबाल आ गया है। इसके कारण नगरपालिका चुनाव पर असर हो सकता है। लेकिन इस संबंध में नव नियुक्त प्रशासक पापिया पाल ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। इसे लेकर शनिवार को बैठक बुलायी गयी थी। बैठक में नगरपालिका के विरोधी दल के कांग्रेस पार्षद आदि उपस्थित थें। गौरतलब है कि नगरपालिका के पार्षद के रूप में मोहन बोस 1990 में विजयी हुउए थें। तब से लेकर 2003 तक वें चेयरमैन का पद संभाले। वर्ष 2014 में वें कांग्रेस को छोड़कर तृ़णमूल में शामिल हुए। उन्हें जलपाईगुड़ी को बड़ा राजनेता माना जाता है। उनकी शहर में अलग धमक और समर्थक है। आज प्रशासक मंडली में शामिल न होने को लेकर उनके निवास स्थान पर प्रेस वार्ता बुलायी गयी। इस मौके पर एसजेडीए के चेयरमैन व पूर्व सांसद विजय चंद्र बर्मन सहित विभिन्न सदस्य उपस्थित थें।
मोहन बोस ने पत्रकारों को बताया कि यहां के नागरिकों ने मुझे पसंद किया। इसलिए मैं छह बार पार्षद चुना गया। लेकिन मुझे लग रहा है अब राजनीति हो रही है। मुझे जिसतरह प्रशासक मंडली में शामिल नहीं किया गया। इससे पार्टी को नुकसान होगा। लेकिन पार्टी के आलाकमान जो निर्णय लेंगे वह मुझे मंजूर है।
कैप्शन : पत्रकारों को संबोधित करते मोहन बोस व विजय चंद्र बर्मन