समझौते के मुताबिक ग्रासमोड़ चाय बागान खुलने से श्रमिकों में खुशी
- बागान खुलने के पहले दिन 800 श्रमिक काम में हुए शामिल संवादसूत्र नागराकाटा डुआर्स के
- बागान खुलने के पहले दिन 800 श्रमिक काम में हुए शामिल
संवादसूत्र, नागराकाटा : डुआर्स के नागराकाटा ब्लाक के ग्रासमोड़ चाय बागान शुक्रवार को समझौते के मुताबिक खुल जाने से बागान श्रमिकों में काफी खुशी देखी गई। इस दिन बागान के 1200 श्रमिकों में 800 श्रमिक काम में शामिल हुए। आगामी रविवार को प्रत्येक श्रमिकों के हाथों में एक-एक हजार रुपये करके दिया जाएगा। सब स्टॉफ व बाबू स्टॉफ मिलाकर 1500 एवं 2000 हजार रुपये करके दिए जाएंगे। आखिरकार नए मालिक के बागान संभालने के निर्णय को लेकर ग्रासमोड़ चाय बागान के श्रमिक महल में खुशी देखी जा रही है। बागान खुलने के बाद इस दिन जंगल सफाई का अभियान शुरू हुआ।
प्राप्त खबरों के अनुसार 31 नंबर राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे स्थित ग्रासमोड़ चाय बागान का संचालन सिलीगुड़ी के अमित अग्रवाल नामक एक उद्योगपति के माध्यम से इसे खोला जा रहा है। इस उद्योगपति द्वारा वर्तमान में कुमलाई, डिमडिमा, जयवीरपाड़ा व कैरेन कुल चार बागानों का संचालन किया जा रहा है। प्रत्येक बागान एक समय में बंद पड़ा हुआ था। अब उनके द्वारा पांचवें बागान का संचालन किया जा रहा है। ग्रासमोड़ में विकास मुखर्जी नामक एक नया मैनेजर ने बागान का कार्यभाल संभाला है। मालिक पक्ष संगठन टी एसोसिएशन आफ इंडिया के डुआर्स शाखा के सचिव राम अवतार वर्मा ने कहा कि समझौते के मुताबिक बागान खोला गया है। अधिकांश श्रमिक इस दिन काम में शामिल हुए है। बागान खोलने की जानकारी प्रशासन को दी गई है। आशा करते है कि बागान खुलने के मामले में बागान श्रमिक पूरी तरह से सहयोग करेंगे।
शासकदल तृणमूल कांग्रेस के समर्थित चाय श्रमिक संगठन तराई डुआर्स प्लांटेशन वर्कर्स यूनियन के केंद्रीय कमेटी के संयुक्त सचिव अमरनाथ झा ने कहा कि आशा करते है कि नया मालिक बागान श्रमिकों के हित में काम करेगा। हमलोगों की ओर से उन्हें हर प्रकार का सहयोग मिलेगा। संगठन के ग्रासमोड़ यूनिट के सचिव राजू घोष ने कहा कि अब किसी भी हालत में बागान बंद न हो, इसके लिए श्रमिकों से आवेदन है।
गौरतलब है कि गत बुधवार को मालबजार स्थित असिस्टेंट लेबर कमिश्नर में चाय बागान समस्या को लेकर त्रिपक्षीय बैठक आयोजित हुई थी। बैंठक में नए मालिक और चाय श्रमिक संगठन के बीच में सहमती बनी। इसके तहत चाय श्रमिकों को पहले एक हजार रुपये एडवांस के तौर पर दिया जाएगा। वहीं सब स्टॉफ को 1500 और स्टॉफ को 2000 रुपये एडवांस के तौर पर दिया जाएगा। होली के बाद चाय श्रमिकों को नियमित वेतन और अन्य सुविधाएं दी जाएगी। बीते दो वर्षो से ग्रासमोड़ चाय बागान के निवेशक के माध्यम से ही चलाया जा रहा था। लेकिन गत 23 फरवरी को बिना कोई सूचना के ही निवेशक भी बागान छोड़कर चले गए थे।