न्यूनतम मजदूरी को ले छह सदस्यीय कमेटी ने की चर्चा
- 27 अक्टूबर को फिर होगी बैठक अगले वर्ष जनवरी से न्यूनतम मजदूरी चालू होने की उम्मीद स
- 27 अक्टूबर को फिर होगी बैठक, अगले वर्ष जनवरी से न्यूनतम मजदूरी चालू होने की उम्मीद
संवाद सूत्र, नागराकाटा: चाय श्रमिकों के न्यूनतम मजदूरी को लेकर प्रक्रिया शुरू हो गई है। सोमवार को कोलकाता के न्यू सेक्रेटरी भवन में मालिक और श्रमिक एवं राज्य सरकार द्वारा गठित छह सदस्यीय टीम के बीच न्यूनतम मजदूरी को लेकर चर्चा हुई है। राज्य के श्रम मंत्री बेचाराम मान्ना की माने तो न्यूनतम मजदूरी की प्रक्रिया काफी आगे बढ़ चुकी है। उम्मीद है अगली बैठक में कोई नतीजा निकल आएगा। श्रमिक विभाग की माने तो छह सदस्यीय टीम की अगली बैठक आगामी 27 अक्टूबर को होगी। श्रम विभाग की तत्परता का श्रमिक व संगठनों ने स्वागत किया है।
मालिक संगठन सीसीपीए के सचिव अरिजीत राहा ने कहा कि श्रमिक प्रतिनिधि के एक प्रतिनिधि मौजूद नहीं थे। इस दिन की बैठक में न्यूनतम मजदूरी को लेकर चर्चा हुई है।
गौरतलब है कि बीते 31 अगस्त को 29 सदस्य परामर्शदाता कमेटी ने एक छोटी कमेटी बनाई थी। इसमें श्रमिक प्रतिनिधि के तौर जियाउल आलम और नकुल सोनार शामिल हैं। इस दिन की बैठक में जियाउल आलम उपस्थित नहीं हो पाए थे। तराई डुवार्स प्लानटेशन वर्कर्स यूनियन के नकुल सोनार ने कहा कि धीरे-धीरे न्यूनतम मजदूरी की पक्रिया सटीक दिशा में जा रही है। श्रम मंत्री चाहते हैं कि अगले वर्ष जनवरी महीने से ही न्यूनतम मजदूरी लागू हो जाए, इस आधार पर ही काम किया जा रहा है। इस बारे में मालिक पक्ष और मंत्री से बात हो चुकी है।
चाय श्रमिकों के संयुक्त संगठन ज्वाइंट फोरम के मनीकुमार दर्नाल ने कहा कि न्यूनतम मजदूरी पर चल रही प्रक्रिया से बढ़कर कोई खबर नहीं है। उनलोगों की राय पहले ही दी जा चुकी है। वहीं भाजपा समर्थित भारतीय टी वर्कर्स यूनियन के महासचिव संतोष हाति ने कहा कि सरकार के ऊपर भरोषा रखना चाहते हैं। इससे पहले वर्ष 2015 के फरवरी महीने में श्रमिकों के मजदूरी बढ़ोतरी को लेकर तीन वर्ष का समझौता किया गया। इसके बाद न्यूनतम मजदूरी शुरू करने की बात कही गई। लेकिन 16 बैठक होने के बाद भी सहमति नहीं बन पाई। बीच-बीच में मजदूरी बढ़ी जरूर, लेकिन न्यूनतम मजदूरी नहीं मिली। आखिरकार छह सदस्यीय कमेटी बनाकर जल्द से जल्द न्यूनतम मजदूरी को लेकर समाधान की कोशिश की जा रही है।