व्यवसायियों पर पड़ा बैंक हडताल का प्रभाव, किसानों ने फसल फेंका
संवादसूत्र धुपगुड़ी बैंक हड़ताल का असर धुपगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट पर देखा गया। मजबूरन
संवादसूत्र, धुपगुड़ी : बैंक हड़ताल का असर धुपगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट पर देखा गया। मजबूरन किसान अपनी फसलों को जमीन पर फेंकने के लिए मजबूर हुए। मालूम हो कि पिछले चार दिनों से लगातार बैंक बंद होने के कारण व्यवसायी काफी परेशान है। विशेष रूप से धुपगुड़ी के रेगुलेटेड मार्केट के थोक सब्जी व्यवसायी शामिल है। बैंक बंद होने से उन्होंने सर पर अपना हाथ रख लिया है। कारण रेगुलेटेड मार्केट में शनिवार व मंगलवार को साप्ताहिक हाट लगता है। बाहर के व्यवसायी इस बाजार में आकर खरीद बिक्री करते है। शनिवार को बैंक बंद होने से बाजार कुछ मंदा था। वही मंगलवार को बैंक हड़ताल होने से बाजार में दूर दराज के व्यवसायी नहीं दिखे। मुख्य रूप से कच्चे माल के दाम लगातार गिरते हुए चले गए। कम दम में सब्जी की बिक्री होने से नुकसान की संभावना रहती है। इस दिन बाजार में काफी मात्रा में सब्जी आए। लेकिन वहां पर कच्चे सब्जियों के दाम न मिलने से वे बिक्री नहीं कर पाएं। वही किसानों को पहले से ही शक था कि इस दिन बाजार में सब्जी लाने पर उनकी बिक्री नहीं होगी, बाध्य होकर वे यहां पर सब्जी को फेंककर चले जाएंगे। किसानों का कहना है कि इस दिन लौकी दो से तीन रुपये, विन्स, बरबटी दो से तीन रुपये केजी बिक्री हुआ है। लाभ तो दूर की बात घर जाने के लिए गाड़ी भाड़ा भी नहीं उठा सके। अंत में किसान मार्केट में सब्जी फेंकने के लिए बाध्य हो गए।
गौरतलब है कि उत्तर बंगाल में धुपगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट कच्चे थोक बाजार के रूप में प्रसिद्ध है। केवल राज्य के नहीं, बल्कि बिहार, असम, उत्तर प्रदेश, सिक्किम के व्यापारी यहां से सामान खरीदने आते है।